नौटंकी विषय पर काव्य गोष्ठी संपन्न

489

नौटंकी विषय पर काव्य गोष्ठी संपन्न

भोपाल।
आज राजधानी की सर्वाधिक चर्चित संस्था प्रभात साहित्य परिषद द्वारा हिंदी भवन के नरेश मेहता कक्ष में *नौटंकी* विषय पर काव्य – गोष्ठी का आयोजन छंदकार रामकिशोर श्रीवास्तव “रवि” की अध्यक्षता में तथा चर्चित कथाकार मुकेश वर्मा के मुख्य आतिथ्य में एवम् वरिष्ठ गजलकर श्री आबिद काजमी के विशेष आतिथ्य में, शिक्षाविद डा प्रतिभा द्विवेदी के सारस्वत आतिथ्य में तथा डॉ.अनिल शर्मा “मयंक” के संचालन में किया गया।
इस अवसर पर पिछली *सौगात* विषय पर हुई काव्य – गोष्ठी की सवश्रेष्ठ चुनी गई ग़ज़ल के लिये उमेश तिवारी “आरोही” एवम् रचना के लिये के. के. पुरोहित को परिषद द्वारा *सरस्वती प्रभा सम्मान* से अलंकृत किया गया।
तदुपरांत सरस्वती वंदना से गोष्ठी का आरंभ कर रमेश नन्द ने पढ़ा ” किसकी कैसी सोच सभी कुछ जान रही है नौटंकी। असली नकली चेहरों की पहचान रही है नौटंकी। वही डॉ.अनिल शर्मा “मयंक” ने पढ़ा ” जनाब बात तो कीजै, कभी कोई ढंग की। ये क्या के रोज़, सरेआम कीजै नौटंकी। वही रामकिशोर श्रीवास्तव “रवि” ने पढ़ा ” नौटंकी ही कर रहे, सारे नेता आज। मुफ्त रेवड़ी बाँटकर, चाह रहे हैं ताज।वहीं विद्या श्रीवास्तव ने पढ़ा, _ यह जीवन इक रंग मंच है, हम सब नौटंकी करते हैं| वहीं दुर्गा रानी श्रीवास्तव ने पढ़ा,_
नौटंकी नेता करे ,चमचे पीटे ढोल ,हाथ जोड़ भोले बने ,खुले बाद में पोल ।।
वहीं रेणु गोस्वामी ने पढ़ा,_कुर्सी की खातिर क्या क्या नौटंकी कर रहे है,अब देखो नेता जनता के पैरो में गिर रहे है,वही उमेश तिवारी “आरोही” ने पढा, _ बजी चुनावी दुंदुभी अनगित सेवादार,नौटंकी कोई करे ,कोई जताए प्यार।।
वहीं प्रदीप कश्यप ने पढ़ा,_ कपट पाखंड छल रखकर, सभी को बरगलाएंगे,करेंगे वायदे झूठे,कसम जो सच की खायेंगे।।
वहीं हीरालाल पारस ने पढ़ा,_
कुंठाओं की अभिव्यक्ति का,माध्यम थी नौटंकी। बुझे चेहरे की मुस्कान थी नौटंकी।।
कुसुम श्रीवास्तव ने पढ़ा,_ लोकतंत्र में राजनीति की,चल रही अजब नौटंकी।।
डॉ. प्रतिभा द्विवेदी ने पढ़ा,_ वो जो कहते,वही सही है,बाकी सब नौटंकी है,वो जो करते ,वही सही है,बाकी सब नौटंकी है।।
वहीं प्रतिभा मिश्रा “वन्या ” ने पढ़ा,_ खाली हाथ जाने के लिए कितने जतन करना है। कुछ नहीं बस इनसे लेना है और उनको देना है।।
कार्यक्रम में राजेश तिवारी अकील आगाज़, मो हुसैन अहसन आदि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अन्त में परिषद के संस्थापक श्री रमेश नन्द ने सभी का औपचारिक आभार प्रकट किया।

प्रेषक
डा अनिल शर्मा “मयंक ”
प्रादेशिक महासचिव
प्रभात साहित्य परिषद
भोपाल।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here