

आज की मातृ शक्ति
नई रुप की यह मां नार नवेली
नव-नव,नित-नित एक पहेली,
नव -परिवेश, नव-नव जिज्ञासा
नव-समाज की नव -अभिलाषा,
आज की माता अबला न सबला
नव – तकनीक ने जीवन है बदला,
युगों से नारी को बांझ कहनें वालें
खुशी से सरोगेट मां के बच्चे पालें,
शोषित परंपरा के सब तोड़ती द्वार
शिक्षित हो, बच्चें को दें शिक्षा का उपहार,
अपनी वेशभूषा को बदल -बदलकर
मोबाइल से लोरियां सुना -सुनाकर,
बच्चों के संग- संग वो भीअब हंसती
घर-समाज सबके दिल में है वो बसती
मां की ममता, वात्सल्य और गरिमा को
देखों कायम कर रही है आधुनिक मां को ,
घर बाहर की संभालें दोहरी जिम्मेदारी
स्नेह और संवेदनशीलता से करती यारी,
मां की इस उथल-पुथल को जानो
ईश्वर की अनुपम कृति को पहचानो।।
© सुनीता जौहरी
वाराणसी

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
