काव्य : नवराता माई जशगीत – अंजनीकुमार’सुधाकर’ बिलासपुर

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नवराता माई जशगीत

*जय माई जगराता महतारी*
*जय माई नवराता महतारी*

आवेली दुर्गा माई
रुनुर झुनुर चरनवा धरि धरि।
आवेली नवराता माई
जगत में अंजोरा भरि भरि।।

*जय माई नवराता देई मां*
*जय माई जगराता देई मां*

आवेली शरधा के देवी
श्ररधा के छलकत गगरी भरी ।
आवेली जगराता देवी
भगतन के जगावे घड़ी-घड़ी‌‌।।

*जय माई जगराता दाई*
*जय माई नवराता दाई*

बइठ के आवस शेर बाघ पर
कबहु गदहा के करस सवारी।
करस बैल के वाहन उपयोग
बइसें कमल आसन महतारी।।

*जय माई नव जोता महतारी*
*जय माई नव रोजा महतारी*

अस्त्र शस्त्र नाना प्रकार के
चक्र त्रिशूल गदा असिधार।
खर्पर धर हाथ चलेली माई
करें रक्त बीज राकस संहार।।

*जय पर्वत शिखरणी माई*
*जय माई दुखहरणी दाई*

चंडमुंड,धुम्रविलोचन हनलू
रक्तबीज के रक्त के पियलू।
नव दिन रात चलल लड़ाई
दुष्ट महिषासुर वध कयलू।।

*जय माई महमाया महतारी*
*जय माई समलाया महतारी*

मनसा-नैना,ज्वाला देवी मां
मां चामुंडा वैष्णव देवी मां।
चिंतापूर्णा बगला मुखी मां
कामाख्या विंध्यवासनी मां।।

*जय माई नवराता देयी मां*
*जय माई हरतापा देवी मां*

मां हरसिद्धि उज्जयिनी के
महालक्ष्मी कोल्हापुर वाली।
अंबाजी गुजराता वाली मां
मां कलकत्ता वाली काली।।

*जय हो जय हो काली माई*
*जय जय हो दुर्गावली दाई*

अंजनीकुमार’सुधाकर’
बिलासपुर

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