काव्य : माता रानी को समर्पित दोहे – रश्मि सिंह रांची

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माता रानी को समर्पित दोहे

माँ की जब होती कृपा,छंटे तम अज्ञान।
राह सही चलने लगे,हर भटका अंजान।।

तेरी महिमा गान से,मिलती खुशी अपार।
तू जग भर की मात है,तू ही तारणहार ।।

हर माँ में अम्बे बसे,हो उनका सम्मान।
है सच्ची पूजा वही,रखना इसका भान।।

भूखी माँ बस भाव की,चाह न छप्पन भोग।
निज जननी सेवा करें,मिटे व्याधि औ रोग।।

मन पावन कर लीजिए,मन से हटा विकार।
होगी पूजा हर सफल,माँ आएँगी द्वार।।

रश्मि सिंह
रांची

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