काव्य : पूजन की तैयारी है – प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव विदग्ध भोपाल

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पूजन की तैयारी है

नवरात्रि पर्व में पूजा की महिमा मां! बड़ी तुम्हारी है
हर गाँव शहर , घर घर जन जन में पूजा की तैयारी है

सबके मन भाव सुमन विकसे , मौसम उमंग से पुलकित है
हर मंदिर मढ़िया देवालय में , भीड़ भक्त की भारी है

सात्विक मन की पूजा सबकी होती अक्सर है फलदायी
संसार तुम्हारी करुणा का , मां युग युग से आभारी है

श्रद्धा के सुमन भरा करते , जीवन में मधुर सुगंध सदा
आशीष चाहता इससे मां , तेरा हर चरण पुजारी है

अनुराग और विश्वास जिन्हें है अडिग तुम्हारे चरणों में
उन पर करुणा की वर्षा करने माता अब तेरी बारी है

कई रूपों , नामों धामों में , है व्याप्त तुम्हारी चेतनता
अति भव्य शक्ति , गुण की ,महिमा तव जग में हे माँ न्यारी है।

प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव विदग्ध
भोपाल

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