बगाज माता जहां उतर जाता है जहरीले सांप बिच्छू का विष अपने आप -डॉक्टर प्रीति सुरेंद्र सिंह परमार टीकमगढ़

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बगाज माता जहां उतर जाता है जहरीले सांप बिच्छू का विष अपने आप

बुंदेलखंड का प्रसिद्ध मंदिर टीकमगढ़ जिले से कुछ दूरी पर स्थित बगाज माता, का मंदिर जहरीले सांप बिच्छू का उतर जाता है विष अपने आप, ऐसा मंदिर है टीकमगढ़ जिले में बगाज माता का यह साक्षात देखी हुई बात है बुंदेलखंड के पर्यटन स्थलों में बगाज माता का एक महत्वपूर्ण स्थान है प्राकृतिक सुंदरता से घिरा हुआ यह मंदिर ऊंची पहाड़ी पर स्थित है शांति चारों ओर छाई रहती है यहां मान्यता लेकर लोग आते हैं मान्यता पूरी होने पर अपनी श्रद्धा अनुसार जो क्षमता हो परिक्रमा पूर्ण कर माता को चुनरी प्रसाद फल अर्पित करते हैं सुहाग का सामान चढ़ाते हैं मान्यता पूरी होने पर जवारे चढ़ाने आते हैं, कहते हैं यहां पर कदम रखना ही
असाध्य बीमारी में औषधि का काम करता है
टीकमगढ़ से करीब 16 किमी दूर स्थित बगाज माता मंदिर हमने स्वयं यहां देखा एक बच्ची जिसे सांप ने काट लिया था उसके पिता उसे बेहोशी की हालत में लेकर आए और उन्होंने उसे मंदिर के प्रांगण में लेटा दिया जयकारे शुरू हुए माता का नाम लेना शुरू हुआ पिता ने फिर बेटी को लेकर परिक्रमा शुरू करी और आधे घंटे बाद ही बच्ची जो होश में नहीं थी परिक्रमा पश्चात घंटे के पास लेटा दिया गया उठकर बैठ गई यह माता का ही चमत्कार है जो बिना इलाज के अपने आप ठीक हो गई कहते हैं जहां विज्ञान है वहां चमत्कार भी है और ऐसा ही चमत्कार बुंदेलखंड के टीकमगढ़ जिले में बगाज माता में होता है प्रत्यक्षदर्शी होने के कारण विश्वास अटल हो गया

– बगाज माता मंदिर- बगाज अर्थात सरस्वती माता बुंदेली में बगाज कहते हैं वाग्देवी को। टीकमगढ़ जिला मुख्यालय से बुडेरा मार्ग पर वकपुरा नामक गांव में हरी-भरी पहाड़ियों के बीच सरस्वती माता का मंदिर है यह मंदिर कितना पुराना है इसका अभी तक पता नहीं चल सका है मान्यता है कि सरस्वती माता मैहर जाने से पहले यही प्रकट हुई थी इसलिए यहां पर प्रतिदिन हजारों दर्शन आरती संत , भक्त और पर्यटक जमा रहते हैं तथा तमाम अनुष्ठान भी होते रहते हैं मंदिर में छोटी मूर्ति रूप में बगाज माता विराजमान है जो माता सरस्वती का प्रतीक है दूसरी और गुफा में मां वैष्णो देवी मंदिर है यहां पर्यटक आकर रुक भी सकते हैं टीकमगढ़ में रुकने के बाद 16किलोमीटर की यात्रा कर बगाज माता के दर्शन कर सकते हैं और ताकि चमत्कारी शक्तियों का प्रत्यक्ष निरीक्षण कर सके नवरात्रि में यहां दो चार लाख से कम भीड़ नहीं रहती है लोग अपनी-अपनी मान्यता के साथ जवारे विसर्जन करने आते हैं l, नवरात्रि में यहां जनमानुष का ताता लगा रहता है महिलाएं नंगे पांव श्रद्धा भक्ति से दूर-दूर के गांव से यहां आती हैं जल चढ़ाने । श्रद्धा पूर्वक अपनी मनोकामनाएं भी रख जाते हैं कोई धागा बांध जाता है ऐसा अद्भुत और चमत्कारिक मंदिर है बगाज माता का
ऐसा चमत्कार बगाज माता पर होता है जहरीले सांप बिच्छू गोरा जीव जंतु के काटने से तुरंत राहत प्रदान करता है , आश्चर्य की बात तो यह है कि यहां कोई झाड़ फूंक तंत्र-मंत्र नहीं होता श्रद्धा और विश्वास का स्थल है बगाज माता, और है बुंदेलखंड का एक दर्शनीय पर्यटन स्थल।

डॉक्टर प्रीति सुरेंद्र सिंह परमार
टीकमगढ़

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