

पूर्वजों के प्रति
पुरखों के पथ पग जाना है , न मन भव भय भटकाना है ।
सेवा मातु पिता गुरू करना , वचनों को हृदय में धरना है।
इन चरणों में सुख पाना है ।………………१
मातृ पिता पत्नी की पीढी , जलांजलि देना शुभ सीढ़ी ।..२
यह श्रद्धा से श्राद्ध सजाना है ।…………२
कुश तिल जौ चावल अर्पण कर , देव पितृ तीर्थ में जल भर ।
तुलसी दल पुष्प चढ़ाना है ।……………३
तर्पण और समर्पण करना , और सुखों से निज गृह भरना ।
यह पितृ लोक पहुंचाना है ।…………….४
वसु रुद्र आदित्य रुप यह , शीश नवा कर नमन नमन कह ।
पुरखों को सदा मनाना है।……………..५
राजेश तिवारी मक्खन
झांसी उ प्र

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
