

अम्मा की गोद
जिसमे पालन पोषण पाया
जिसमे सारा स्वर्ग था समाया
ममता का सागर जिसमे पाया
वह थी केवल अम्मा की गोद ।।
जिसमे सारा जगा है जाया
जीवन का पहला ज्ञान है पाया
अम्बर जिसके आंचल मे समाया
वह है थी केवल अम्मा की गोद ।।
भले बुरे का जो ज्ञान है पाया
दो जहाँ का जिसमे स्नेह समाया
जग सारा सुख है हमने पाया
वहा थी केवल अम्मा की गोद।।
ना खाने की ना पीने की चिंता
अम्मा ने समय पर खिलाया पिलाया
जिसके आँचल मे जागे और सोए
वहा थी केवल अम्मा की गोद।।
हर चिंता से हमको दूर किया था
अनमोल प्यार भरपूर दिया था
गलत बात से था हमको बचाया
वह थी केबल अम्मा की गोद ।।
– अभय चौरे
हरदा मप्र

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
