

स्मृति में तुम ही आते हो
स्मृति में ,तुम ही आते हो
आते हो ,रह जाते हो
नजर उठा के, जब देखूं
तुम नजर नहीं, क्यों आते हो
तुम ,मन में,गहरे बैठे हो
कुछ रूठे हो,कुछ ऐंठे हो
ऐसे भी क्या,कोई होता है
क्यों रूठ रूठ,तुम जाते हो
मैंने भी, है अब ठान लिया
तुमको ही, अपना मान लिया
सपने सा ,बन कर, रहा करो
ब्रज के ,मन को तुम भाते हो
–डॉ ब्रजभूषण मिश्र
भोपाल

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
