महिला काव्य मंच मुजफ्फरनगर इकाई की गोष्ठी सम्पन्न

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महिला काव्य मंच मुजफ्फरनगर इकाई की गोष्ठी सम्पन्न

मुजफ्फरनगर।
महिला काव्य मंच मुजफ्फरनगर इकाई की अक्टूबर माह की गोष्ठी श्रीमती सुमन युगल के सौजन्य से गॉड ब्लेस एकेडमी स्कूल अलमासपुर जानसठ रोड में हुई।मुख्य अतिथि श्रीमती रजनी अग्रवाल व डाक्टर ए कीर्ति वर्धन रहे। विशिष्ठ अतिथि, एम जी वर्ल्ड विजन स्कूल की अध्यापिका पूनम चौधरी व दीपाली कौशिक फाउंडर गाॅड ब्लैस एकेडमी रहे । मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्ज्वलित कर गोष्ठी का शुभारंभ किया । सर्वप्रथम मां सरस्वती की वंदना श्रीमती सुनीता सोलंकी ने की ।एकांकिनी वैष्णवी के संचालन में गोष्ठी की शुरुआत हुई । गॉड ब्लेस एकेडमी की अध्यापिकाओं ने मनमोहक स्वागत गीत सुनाकर सभी अतिथियों का स्वागत किया। उसके बाद महिला काव्य मंच की सभी सदस्यों ने निरंतरता रखते हुए अपनी अपनी रचनाओं से गोष्ठी में चार चांद लगा दिए । गोष्ठी में लक्ष्मी डबराल, अंशी,सुमन युगल,सुनीता सोलंकी, इन्दु राठी,मधु गोयल,आंचल शर्मा, प्रियंका शुक्ला, पूनम उदयचंद्रा, निधि शर्मा,सीमा रंधावा मलिक, सुशील जी ने अपनी-अपनी प्रस्तुतियों से गोष्ठी को एक नया आयाम दिया।
मुख्य और विशिष्ट अतिथियों ने सभी कवित्रियों की रचनाएं सुनकर मंच की भूरी भूरी प्रशंसा की। सुंदर माहौल में गोष्ठी संपन्न हुई।
इन्दु राठी जी ने करवाचौथ पर अपनी रचना पढ़ी-
“सुनो पति जी
सजने किसी पार्लर में अबके नहीं जाऊंगी ।
तेरे नाम की मेहंदी तुझी से लगवाऊंगी ।।”

सुमन युगल ने पढ़ा-
“बेशक! तुझे काम और भी हैं, फसाने और भी हैं,
पर इस शहर में तेरे दीवाने और भी हैं…”

वैष्णवी जी की रचना –
“बरस बाद फिर मुस्कराई हो दीपावली अभिनंदन तुम्हारा”

विशिष्ठ अतिथि पूनम चौधरी ने पढ़ा –
“लोग यूं तो हमें हर कदम पर मिले काम के लोग लेकिन हमें चांद मिले ।।
साथ जिनका था मैंने उम्र भर दिया मेरी बारी जो आई तो घर बंद मिले !!”

सुनीता सोलंकी ‘मीना’ ने नवरात्र पर अपनी रचना पढ़ी –
“शारदीय नवरात्र पर,शरद ऋतु गयी आय
त्यौहारी मौसम हुआ,उत्सव मन हर्षाय।”

पूनम उदय चंद्रा ने पढ़ा –
“तुम जो आंखों में मेरी यूं रहने लगे।
हम खुद से ही नजरें चुराने लगे”

निधि नीतिमा के माहिया ने तो सबका मन मोह लिया-
“जल्दी से आ माहिया ,जल्दी से आ माहिया,
बारिश का महीना है, तुझे लौट के आना है”

नवोदित कवयित्री सीमा रंधावा मालिक ने पढ़ा –
“मैं एक नन्हीं चिड़िया।
रहती थी एक डाल पर,हरी भरी वो डाल थी बहुत सुंदर।”

अध्यक्षा लक्ष्मी डबराल ने अपनी बात कुछ यूं कही –
” सच्चा प्यार, आसान नहीं है।
और, सुनो, ये तुम्हारे बस का काम नही है”

अध्यक्ष
लक्ष्मी डबराल
महिला काव्य मंच मुजफ्फरनगर

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