

जब जीव में अभिमान आता है भगवान उनसे दूर हो जाता है-गिरिराज शास्त्री
छठवें दिवस की कथा में कृष्ण रुक्मणि विवाह व कृष्ण रास लीला का वर्णन
खण्डवा।
जब जीव में अभिमान आता है भगवान उनसे दूर हो जाता है। भगवान की महारास लीला इतनी दिव्य है कि स्वयं भोलेनाथ उनके बाल रूप के दर्शन करने के लिए गोकुल पहुच गए। जब भगवान श्री कृष्ण मथुरा जाने लगे समस्त ब्रज की गोपियां भगवान कृष्ण के रथ के आगे खड़ी हो गई कहने लगी है कन्हैया जब तुम्हे हमे छोड़कर जाना ही था तो हमसे प्रेम क्यो किया।उपरोक्त उदगार श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ समिति द्वारा अनाज मंडी प्रांगण में आयोजित 38 वी श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह के छठवे दिवस श्री गिरिराज जी शास्त्री महाराज ने व्यक्त करते हुए कहे। गिरिराज जी शास्त्री की यह 421 वी कथा है।जानकारी देते हुए मीडिया प्रभारी नारायण बाहेती व सुनील जैन ने बताया कि कथा में कृष्ण रासलीला, श्रीकृष्ण रुक्मिणी विवाह का सुंदर चित्रण किया गया। सुंदर झांकियां सजाई गई। कथा का प्रारम्भ व्यासपीठ के पूजन से हुआ। मुख्य जजमान पंकज चन्द्रहास दलाल परिवार, अध्यक्ष रामस्वरूप बाहेती, सचिव शैलू अग्रवाल ने व्यासपीठ का पूजन किया । कथा में हरिप्रसाद बंसल, किशन लाल अग्रवाल, सुशील मंडलोई, सुनील बंसल, राजनारायण परवाल, आशीष चटकेले, भूपेंद्रसिंह चौहान, रितेश चौहान, अनिल बाहेती, राजेन्द्र अग्रवाल,नरेश जांगिड़, मांगीलाल जांगिड़, नारायण बाहेती,योगेंद्र अग्रवाल, विनोद अग्रवाल, सुनील जैन, रुक्मणि गिलडा, शोभा मुंदड़ा, संदीप माहेश्वरी, ललित सेन, राजकुमार राठी, आलोक राठी, सुधीर दलाल, रक्षा माहेश्वरी, प्रमिला शर्मा, शिल्पा जाखेटीया, निर्मला काबरा, पदमा काकाणी, नीता राठी, रीना गिलडा, हेमा बाहेती, रमिला बाहेती, कंचन काकाणी, वर्षा लड्ढा, हिमांशी गिलङा, श्याम सखी महिला मंडल, सर्वोदय महिला मंडल, विट्ठल मंदिर महिला मंडल, ब्राम्हण महिला मंडल, माहेश्वरी महिला मंडल सदस्यों सहित बड़ी संख्या में कथा में उपस्थित हुए।महाआरती व प्रसाद वितरण के साथ छठवें दिवस की कथा का विराम हुआ।

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
