काव्य : बुराई है तो दुनिया में अच्छाई भी है- कर्नल आदि शंकर मिश्र, आदित्य लखनऊ

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बुराई है तो दुनिया में अच्छाई भी है

मानो या ना मानो, इस दुनिया में
अगर बुराई है तो अच्छाई भी तो है,
जब ऐसा सोचा जाये, तभी समझ,
कुछ आता है पैमाना नापा जाता है।

सोचो अगर कहीं दूर घूमने जाना हो,
रास्ते में सुनसान एक निर्जन वन हो,
कार एकाएक बिगड़कर बंद हो जाये
इंसान अकेला, घना अँधेरा हो जाये।

सोचो कितना बुरा और अच्छा होगा,
निर्जन वन में एक अकेला फँसा हुआ
पर जंगली जानवर कोई दिखा नहीं,
असहाय मगर है किसी का डर नहीं।

खाने पीने की कोई दुकान वहाँ नहीं
उसके पास ब्रेड और फल पैक तो हैं,
पानी की बोतल हैं यह भी अच्छा है,
जंगल में सही सलामत ये अच्छा है।

कोई नहीं साथ में बात तक करने को
पर स्मार्ट फ़ोन है और नेट वर्क भी है,
जिस से चाहे बात और मेसेज कर ले
सूनापन तो है परकोई बोरियत नही।

परिस्थिति में अगर बुरा कुछ है तो भी
कुछ अच्छा है ध्यान करें वो क्या है,
आदित्य प्रभू का आभार करें कि यदि
हालात अगर बुरे हैं कुछ अच्छा तो है।

कर्नल आदि शंकर मिश्र, आदित्य
लखनऊ

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