

महिला काव्य मंच ने पितृपुरुषों की स्मृति में किया भव्य सम्मान समारोह
बहुत संघर्ष और साधना के मार्ग से गुजरना पडता है महापुरुष बनने के लिए – तिवारी
सागर।
अ.भा.महिला काव्य मंच की सागर इकाई द्वारा रविवार को सरस्वती वाचनालय के सभागार में संस्था के द्वितीय वार्षिक सम्मान पर्व को उत्साहपूर्वक आयोजित किया गया। समाज को अपनी साहित्य साधना और कला से महत्वपूर्ण अवदान देने वाले दो पितृ पुरुषों आचार्य नंददुलारे वाजपेयी एवं कलागुरु विष्णु पाठक जी की स्मृति में आयोजित इस सम्मान समारोह में वर्तमान में उसी क्षेत्र की दो जानी – मानी विभूतियों डॉ .लोकनाथ मिश्र तथा श्री शिवरतन यादव जी को सम्मानित किया गया। 70 वर्ष की वय पूर्ण कर चुके दोनों वरिष्ठजनों का मंचासीन अतिथियों, आयोजक संस्था महिला काव्य मंच, श्यामलम् संस्था के अध्यक्ष उमाकान्त मिश्र एवं पाठक मंच सागर इकाई के केंद्र संयोजक आर.के. तिवारी सहित स्वर संगम संस्था के अध्यक्ष हरिसिंह ठाकुर और वरिष्ठ साहित्यकार लक्ष्मी नारायण चौरसिया द्वारा शॉल,श्रीफल तथा स्मृति चिह्न देकर सम्मान किया गया। विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी के नीलरतन पात्रा,सी के शुक्ला, बुंदेलखंड हिंदी साहित्य मंच से पूरनसिंह राजपूत, गणेश चौरसिया सहित अन्य अनेक लोगों द्वारा भी सम्मान किया गया।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने वाले माननीय विधायक श्री शैलेंद्र जैन जी अपरिहार्य कारणों से उपस्थित नहीं हो सके किंतु उन्होने काव्य मंच की अध्यक्ष अंजना चतुर्वेदी को प्रेषित शुभकामना संदेश के जरिये अपनी उपस्थिति दर्ज़ करवाई, जिसमें उन्होंने सम्मानितद्वय विभूतियों को बधाई देते हुए युवा पीढ़ी को साहित्य सृजन से जोड़ने हेतु काव्य मंच और श्यामलम् संस्था की प्रशंसा की। कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि डॉ.इला तिवारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारे बुजुर्गों ने आज़ादी के बाद आने वाली हमारी पीढियों का सदा मार्गदर्शन किया है और भावी पीढी को भी समाज और संस्कृति से जोड़े रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जानी – मानी साहित्यकार ,अनुवादक डॉ. चंचला दवे ने विशिष्ट अतिथि के रूप में अपने वक्तव्य में महिला काव्य मंच के कार्यों और प्रयासों की प्रशंसा की, साथ ही उन्होंने आचार्य नंद दुलारे वाजपेयी के साहित्यिक कर्म पर भी प्रकाश डाला।
श्री विष्णुपाठक कलाविद् सम्मान से विभूषित पं. शिवरतन यादव द्वारा बुंदेली कवि माधव शुक्ल मनोज की कविता “अ अनार को मोरी बिटिया” के मधुर – मार्मिक गान ने श्रोताओं को भाव विह्वल कर दिया। आचार्य नंद दुलारे वाजपेयी साहित्य सम्मान से विभूषित श्री लोकनाथ मिश्र ने अपने गुरुजनों का स्मरण करते हुए बताया कि 10 वर्ष की आयु में वो बलभद्र तिवारी जी के साथ आचार्य नंद दुलारे वाजपेयी जी के घर गये थे उनसे मिलने,और आज मां सरस्वती की कृपा से ही वो साहित्य और लोककलाओं के लिये काफी कुछ कर पा रहे हैं। सरस्वती वाचनालय के संस्थापक श्री शुकदेव प्रसाद तिवारी जी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि यह बहुत सुखद अवसर है जब महिला काव्य मंच द्वारा हमारे शहर की दो महत्वपूर्ण हस्तियों का सम्मान किया गया, महापुरुष बहुत मेहनत से बनते हैं, बहुत संघर्ष और साधना के मार्ग से गुजरना पडता है महापुरुष बनने के लिये।युवा पीढ़ी को अपने बुजुर्गो से सीखना चाहिये, आप लोग भी बहुत मेहनत कीजिये और समाज के लिये भी योगदान दे सके ऐसा बनिये।
कार्यक्रम की शुरूआत में काव्य मंच की युवा सदस्यों द्वारा काव्या पाठ किया गया जिनमें डॉ.हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय तथा शासकीय स्वशासी महाविद्यालय की छात्राएं बड़ी संख्या में शामिल हुई जिनमें गुंजन नामदेव , रिषिका राजपूत, दीक्षा चढार, शिवानी सिंह ,पलक तिवारी, अंगिता तिवारी आदि के काव्य पाठ की सबने सराहना की। कार्यक्रम में हर आयु वर्ग के श्रोताओं की बडी संख्या मौजूद रही जिनमें डॉ नम्रता फुस्कुले, डॉ.अर्चना भार्गव, डॉ. रश्मि दुबे, डॉ. अपर्णा चंचौदिया, मयूरिका रोहण,कपिल स्वामी, पूजा तिवारी,बिपदा जैन, सुमन झुडेले, ज्योति झुड़ेले,संगीता,रानी, पियुष,सिद्धांत, कामिनी,प्राची, विकास, अंबिका यादव,प्रेम नारायण मिश्रा,टीकाराम त्रिपाठी, डॉ गजाधर सागर,माधव चंद्रा ,अरविंद जैन, रमेश दुबे,राजेश अग्रवाल,राज कुमार अहिरवाल, डॉ प्रह्लाद सिंह, सुरेश यादव, मुकेश कुमार आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का सुचारू संचालन श्रीमती मनीषा पटेरिया द्वारा किया गया, स्वागत वक्तव्य काव्य मंच सागर की अध्यक्ष प्रो. अंजना चतुर्वेदी तिवारी ने दिया तथा आभार ज्ञापन काव्य मंच सागर की सचिव डॉ. सुजाता मिश्र द्वारा किया गया।
डॉ चंचला दवे,सागर

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
