

रंजन कलश की मासिक गोष्ठी संपन्न
भोपाल।
पिपलानी जैन मंदिर वरिष्ठ बैठक कक्ष में रंजन कलश की मासिक गोष्ठी वीरेंद्र कुमार जैन और किशन तिवारी के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुई। अध्यक्षता के आसंदी से बोलते हुए विनोद जैन ने कहा कि गोष्ठी में सुनाई गई रचनाओं को संकलित करने हेतु इन्हें पीडीएफ़ बनाकर और भौतिक रूप से छपवा कर सुरक्षित रखा जाएगा।
जिसमें सुरेश पटवा ने “ज़िंदगी तकलीफ़ देती पर है वो हसीना भी”, बिहारी लाल सोनी ‘अनुज’ ने “यादों के दीप जलाये रखिए”, सत्य प्रकाश ने “आश्चर्यजनक आदमी हुआ करता था”, शशि कांत मिश्रा ने “प्यार का सागर बन मेरे दिल में रहिओ”, सुशील गुरु ने “आस की किरण बन गया नेता”, सतीश श्रीवास्तव ने “अपने और ग़ैरों में कुछ तो फर्क दिखे” अभिषेक जैन अबोध ने “बढ़ चले राह में जो कदम“, विनोद कुमार जैन ने “जगो उठो जगो बढ़ो हटो नहीं”, किशन तिवारी ने ““जो सरल है बस कठिन लगता मुझको” रचनाएँ सुना कर गोष्ठी को जीवंत बनाए रखा।
सुशील गुरु
अध्यक्ष
रंजन कलश साहित्यिक संस्था
पिपलानी भोपाल

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
