

मेहनत से ही सुख मिलता है
हांथ पे हांथ रखकर बैठने से
मंजिले नही मिला करती।
छूना है आसमां अगर तुमको
उड़ान तो भरनी होगी
जीवन में कुछ करना है तो,
तो तुमको आगे बढ़ना होगा।
छोड़ के सारी सुख सुविधाएं,
कठिन राह को चुनना होगा।
माना कुछ लोगों को सब,
आसानी से है मिल जाता।
माना कुछ भी उनको बिन,
मेहनत के है मिल जाता ।
पर बिन मेहनत के वो सब,
कितने दिन सुख को भोगेंगे ।
आलस में यदि घिरे रहे तो,
जो है वो भी वो खो देगे
क्योंकि बिना किए मेहनत जग में
जय जय कार नहीं होती।
मेहनत के दम से ही प्राणी,
जीवन में कुछ कर पाता।
गिर कर उठता फिर चलता है,
वहीं मनुज मंजिल पाता।
मंजिल को गर पाना है तो,
आगे कदम बढ़ाना होगा।।
छोड़ के सारी सुख सुविधाएं ,
कठिन राह चुनना होगा।
– रूबी चेतन शुक्ला
अलीगंज
लखनऊ

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
