

वो पल नही गया
कल वो गुजरा नही अभी,अभी कल नही गया।
इम्तिहान है मेरा जिस पल ,अभी वो पल नही गया।
जुगनू से कह दो हमे उजाले की फिक्र नहीं,
अभी शमा जल रहा है,अभी जल नही गया।
जमीदोज करके ही मानेगी कुछ दरख़्तों को,
मौसम बदला है,हवा का रुख़ बदल नही गया।
न जाने क्या सोचकर बुलाया था हवेली पे उसने
मैं सीधा घर गया अपने, मगर महल नही गया।
कौन कहता है सुलह होगी अदावत की
रस्सी जल गई मगर बल नही गया।
जानता था हिज्र की रातें है,उल्फत में।
धोखा खाई,मगर संभल नही गया।
मुकद्दर में बदा था,होना था ही,
हुआ भी वही,टल नही गया।।
–अनिल साहू
प्रतापपुर जिला सूरजपुर छ.ग

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।

सादर धन्यवाद युवप्रवर्तक ।।