

महात्मा गांधी एक विचार है
शरीर खतम कर दिया गया मगर विचारधारा इतनी बेहतरीन कि उससे बाहर कुछ है ही नही, जो बापू कह गए उसी को हर आने जाने वाली सरकारें नतमस्तक हुए बिना रह ही नहीं सकती।
यहां तक कि सत्ता धारी सरकार को भी उनकी राह पर चलकर ही राह मिल रही है । चाहे कहे ना धौंस में आकर ..मगर जहाँ जरूरत पड़ती है विदेश आदि जगहों पर भरपूर नाम इस्तेमाल कर लिया जाता है।और किया जाता रहेगा।
क्योंकि बापू अब आप तो नहीं रहे सुनने वाले …..मगर कुछ भी लोग कह रहे है आपके विषय में… .। पुराने को गाली देकर बड़े बने तो क्या बने, खुद हिन्दुस्तान की जनता के दुख दर्द समझने लगेगा जो ।वही बापू बन जाएगा जरूर! हे राम !!!
बापू नाम बिना-बात ही नही पडा, आप है ही बापू कहलवाने लायक ।
●क्यों कि एक बाप ही अपनी औलाद को अहिंसा का पाठ पढा सकता है । वो ही नही चाहता कि मेरी औलाद मर जाए ।
……और मौका आते ही खुद सीने पर गोली खाने से भी आप पीछे नही हटे ।
फिर कैसे कोई और बापू बन सकता है ।
बापू तो आप ही है और आप ही रहेंगे ।
जय हिन्द ।
–सुनीता मलिक सोलंकी
मुजफ्फरनगर उप्र

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
