

बापू बनकर आऊँगा
आंच ना आने दूंगा वतन को
चाहे वीरगति चढ जाऊँगा।
जन्म मिला गर फिर दोवारा
तो बापू बन कर आऊँगा…।।
पहले देश को गोरे छल गय
अब अपने ही छलने लगे।
चप्पा – चप्पा कूचा – कूचा
सबको ये बतलाऊँगा।।
जन्म मिला गर फिर दोवारा
तो बापू बन कर आऊँगा…।।
आजादी का नाम है लेकिन
कोई यहाँ आजाद नहीं।
इक सत्याग्रह आजादी का,
फिर से नया चलाऊँगा।।
जन्म मिला गर फिर दोवारा
तो बापू बन कर आऊँगा…।।
हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई
कोई किसी का भाई नहीं।
भाई – भाई का नारा लिखने
दुनिया से लड जाऊँगा।।
जन्म मिला गर फिर दोवारा
तो बापू बन कर आऊँगा…।।
– जगन्नाथ विश्वकर्मा’पृथक’
सागर

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
