

संत शास्त्र के सहारे धर्म की प्रभावना करते हैं और सैनिक शस्त्र सहारे देश की सेवा करते है
क्षमापना पर्व पर हुआ तपस्वियों का सम्मान, हाथ जोड़ सबने मांगी क्षमा
खंडवा।
निर्मल मंगवानी। गंगा अटल सेवा। देश की रक्षा के लिये सिपाही औऱ धर्म की रक्षा के लिए संत की आवश्यकता होती है। संत शास्त्र का सहारा लेता है और सैनिक शस्त्र का। पहली गलती पर तो सैनिक भी दुश्मन को क्षमा कर देता है लेकिन बार-बार वही गलती दुहराने पर सैनिक शस्त्र का उपयोग करता है। उसी तरह धर्म के क्षेत्र में संत तो क्षमा कर देते हैं लेकिन कर्मों का कहर तो सबको सहना पड़ता है।
उक्त उद्गार क्षमा वाणी पर्व पर घासपुरा महावीर दिगंबर जैन मंदिर परिसर में आयोजित कार्यक्रम में सांगानेर से पधारी प्रेरणा दीदी ने व्यक्त किये समाज के सचिव सुनील लेने बताया कि परंपरा अनुसार इस वर्ष भी क्षमा वाणी महोत्सव श्री दिगम्बर जैन खण्डेलवाल सरावगी पंचायत ट्रस्ट द्वारा मंदिर परिसर में आयोजित किया गया कार्यक्रम में अतिथि के रूप में सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल विधायक देवेंद्र वर्मा महापौर अमृता यादव जिला पंचायत अध्यक्ष कंचन तंनवे ने उपस्थित होकर उपवास करने वाले तपसियों का सम्मान किया, मानसी दीदी ने कहा कि अपनी गलती स्वयं स्वीकार करने वाला विशाल ह्रदय को धारण करने वाला महान होता है। क्षमा वीरस्य भूषणं के अनुसार क्षमा गुण मन, वचन, काय से शुद्ध प्राणी के अंतर्मन में पाया जाता है। धर्म, देव और शास्त्र पर दृढ़ श्रद्धान रखने वाला व्यक्ति ही वीर होता है। उपस्थित सभी अतिथियों ने कहा की जैन धर्म के अ अनुयाई भगवान महावीर के सिद्धांत अहिंसा परमो धर्म और जियो और जीने दो के सिद्धांत पर चलते हैं जैन धर्म में क्षमा भाव का काफी महत्व है क्षमा भाव यदि व्यक्ति अपने जीवन में उतार लेता है तो उसके जीवन में कभी भी अशांति और अहंकार नहीं रहेगा, हम सब को क्षमा भाव रखना चाहिए सचिन सुनील ने बताया कि बड़ी संख्या में उपस्थित समाज जनों के बीच यह कार्यक्रम आयोजित हुआ सांस्कृतिक कार्यक्रम मैं धर्म पर आधारित नृत्य की प्रस्तुति दी गई की सभी अतिथियों द्वारा एक तीन एक तीन पांच और 10 उपवास करने वाले तपसियों का सम्मान किया गया कार्यक्रम में समाज के दिलीप पहाड़िया, सुनील जैन, पवन रावका, सुरेश चंद जैन, राजेंद्र छाबड़ा, अनिल बेनाडा, प्रकाश चंद बड़जात्या, सुभाष सेठी, अमर लोहाडिया, अनूप बड़जात्या, वीरेंद्र जैन, प्रेमांशु जैन, महावीर रावका, प्रवीण गदीया सहित बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित थे, कार्यक्रम का संचालन आलोक सेठी, अर्पिता रावका, मेधा पहाड़िया द्वारा किया गया, सभी समाजजनों से क्षमा मांगते हुए आभार दिलीप पहाड़िया, सुनील जैन ने माना।

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
