काव्य : गाँधी, शास्त्री जयंती – पूनम सिन्हा “प्रीत” देवघर, झारखंड

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गाँधी, शास्त्री जयंती

भारत माँ के दो अनमोल संतान,
एक ही दिन जन्मे ये दोनो महान।
एक थे रामधुन के बड़े ही पक्के,
दूजे बोले जय जवान जय किसान।
गुजरात के पोरबन्दर में जन्मे थे ये संत,
आजादी लाने के लिए लगा दिए जी-जान।
वाराणसी के मुगलसराय जन्मे दूजे लाल,
गरीबी में पले मगर दिमाग के थे चट्टान।
बिना खड्ग बिन ढाल के किया देश आजाद,
राष्ट्रपिता बापू बने महात्मा गाँधी महान।
गाँधी संग शास्त्री मिले छेड़ा राष्ट्रीय अभियान,
श्वेत क्रांति, हरित क्रांति का किया फिर आह्वान।
अंग्रेजों के आगे दोनों कभी झुके नहीं,
इनका भी था अपना आन और शान।
एक सत्य अहिंसा के थे सदा पुजारी,
एक थे सच्चे और इमानदार इंसान।
अंग्रेजों भारत छोड़ो आन्दोलन छेड़ा,
साथ था दोनों के पूरा भारत जहान।
देश को आजाद कर के ही दम लिया,
हुआ भारत आजाद लिया था मन में ठान।

पूनम सिन्हा “प्रीत”
देवघर, झारखंड

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