

उत्साह के साथ के साथ मनाया गया क्षमा वाणी का महोत्सव :उपवास करने वाले तपस्वियों एवं वरिष्ठ जनों का हुआ सम्मान
खंडवा।
क्षमा वाणी पर्व के उपलक्ष्य में शनिवार को प्रातः 7.30 बजे श्री पोरवाड़ दिगम्बर जैन मंदिर से श्रीजी की रथयात्रा निकाली गई।रथयात्रा शहर में भ्रमण करते हुए चौधरी जी के कुए पर पहुँची जहा पूजा की गई इसके पश्चात रथयात्रा श्री पोरवाड़ दिगम्बर जैन धर्मशाला पहुची जहा श्रीजी की शांतिधारा की गई तत्पश्चात क्षमावाणी उत्सव कार्यक्रम हुआ।
क्षमा वाणी पर्व के उपलक्ष्य में अतिथियों द्वारा उद्बोधन दिए गए। क्षमा मांगना और क्षमा करना दोनो ही वीरों का आभूषण है।क्षमा को धारण करने के लिये एक विशेष आत्मबल व इच्छाशक्ति की आवश्यकता होती है।क्षमा गुण सम्यग्दृष्टि की पहचान है। यह उदगार क्षमावाणी महोत्सव को संबोधित करते हुए महेश जी जैन द्वारा व्यक्त किए गए महेश जी जैन ने कहा कि धर्म के दस लक्षणों में भी क्षमा को ही सर्वोच्च स्थान दिया गया है।मात्र हाथ जोड़ लेने और उत्तम क्षमा बोल देने से ही क्षमा नहीं होती, अपने मन में भी क्षमा का भाव होना चाहिये ।तभी तो वह उत्तम क्षमा कहलायेगी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल
जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती ममता जैन ने समाजजनों के बीच संबोधित करते हुए कहा कि क्षमावाणी पर्व कटुता को समाप्त करता है,गलतियो को समाप्त करता है दुनिया मे ऐसा कोई मनुष्य नही जिससे गलती नही होती है,सिर्फ भगवान है जिनसे गलती नही होती है। गलत फ़हमियों के कारण हमारे बीच दूरियां बढ जाती है गलत तू भी नही गलत मैं भी नही छोटी छोटी बातों में हम गलतियां कर बैठते है,धन्य है हम की हमें जैन धर्म मिला जिला जहां क्षमा धर्म का पालन किया जाता है, न्यायाधीश श्रीमती ममता जैन ने सभी समाजजनों से सामूहिक रूप से क्षमावाणी पर्व की शुभकामना देते हुए उत्तम क्षमा की।
नगर निगम उपायुक्त प्रदीप जैन ने कहा कि क्षमा सिर्फ क्षमावाणी के दिन नही पल पल क्षमा मांगना चाहिए क्यों कि हम गलतियां पल पल करते है, समाज की सचिव सुनील जैन ने बताया कि क्षमा वाणी महोत्सव उत्साह के साथ मनाया गया प्रातःकाल भगवान महावीर स्वामी की रथ यात्रा निकाली जगह-जगह पर श्रद्धालुओं द्वारा आरती की गई मुख्य कार्यक्रम सराफा धर्मशाला में Expand हुआ जहा 10 उपवास 5 और 3 उपवास की साधना करने वाले तपस्वियो कुमारी रितिका लुहाड़िया, श्रीमती रागिनी जैन, श्रीमती सीमाछाबड़ा, श्रीमती श्रुति सैनिल जैन पंधाना, अजय जैनपांच उपवास की साधना करने वाले मास्टर चिराग पाटनी, श्रीमती दीक्षा लुहाड़िया, श्रीमान अतुल जैन, श्रीमती अनामिका जैन, श्रीमती दीप्ति प्रवीण जैन, श्रीमान रमेशचंद सेठी, श्रीमान दीपक सेठी का सम्मान व अभिनंदन किया गया रथ यात्रा में रथ को हाँकने का सौभाग्य पवन कुमार नरेंद्र कुमार भटयांण परिवार,श्रीजी को रथ में लेकर बैठने का सौभाग्य अविनाश कुमार अंकित कुमार,श्री जी को चवर डूरानेकासौभाग्य रूपांशु,अंकित,सौरभ,गौरव,विशाल जैन को प्राप्त हुआ। आयोजित कार्यक्रम में समाज के वरिष्ठ जनों का सम्मान भी समाज द्वारा किया गया जिसमें श्रीमती निर्मल बाई जैन, श्रीमान जवाहरलाल जैन, श्रीमान कैलाशचंद जैन, श्रीमती विनोद बाई सराफ, श्रीमान चिंतामण जैन, श्रीमान अजीत कुमार जैन, श्रीमती सुशीला बाई जैनी, राजेंद्र कुमार घाटे, श्रीमती संतोष जैन, एवं श्रीमती रतन देवी जैन का सम्मान सम्मानित अतिथियों एवं समाज के ट्रस्टियों द्वारा किया गया।
राजेश कुमार जैन, कमलेश डॉ. कैलाशचंद जैन, शैलेन्द्र कुमार स्व. नेमीचंद जैन, श्रीमती सुशीला स्व. रमेशचंद, मिनेश शिशोर माणकचंद जैनी, विकासकुमार चिंतामण जैन, श्रीमती कुमकुम स्व. जड़ावचंद जैन, श्रीमती प्रभावती स्व. शरदकुमार जैन,श्रीमती रतनदेवी, श्रीमती शीला हेमन्त जैन, श्रीमती नगीना राजबहादुर जैन एवं परिवार के सहयोग से समाज का वात्सल्य भोज करवाया गया। इस दौरान वीरेंद्र भटयांण, दिलीप पहाड़िया, रंजन जैनी, संतोष बॉस, कांतिलाल जैन, नरेंद्र जैन, डॉ सुभाष जैनी, अजित जैन, देवेंद्र सराफ, प्रेमांशु चौधरी, अक्षय जैनी, पंडित निखलेश जैन, सुनील जैन, संजय पंचोलिया, सुभाषचंद चौधरी आदि समाजजन उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सचिव रंजन जैनी ने किया एवं आभार वीरेंद्र भट्यांण ने माना।कार्यक्रम के पश्चात सभी समाजजनों एक दूसरे से क्षमायाचना की। चिंतामण जैन द्वारा सराफा स्तिथ पोरवाड़ दिगम्बर जैन धर्मशाला में लिफ्ट लगाने के लिए एक लाख रुपये दान देने की घोषणा की। कार्यक्रम के पूर्व मंगलाचरण श्रीमती प्रियंका संजय पंचोलिया एवं श्रीमती प्रियंका अंकित जैन ने प्रस्तुत किया।

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
