

वृद्ध बरगद
बुजुर्गों का मान करें।
सबको यह ध्यान रहे।
छाँव देते आशीष लुटाते।
संस्कारों से डाल भरते।
धरोहरों का सम्मान करें।
पके समय से श्वेत केश में
बँधे हुए हैं आदर्श अशेष
भर लो उनको तिजोरी में।
आशीर्वाद है उनका अलंकार
लगा लो माथे पर चंदन का प्यार
सारे जहां का सुख उनके चरणों में
ख़रीद नहीं पाओगे दुकानों में।
पल दो पल बैठो संग
बोल मीठे, बोलो चंद
अस्ताचल के साँझ संग
भर लो यादों के नवरंग।
बरगद से वृद्ध वृक्षों को
पूज लो मन के मंदिर से
प्रसाद स्वरूप है छत्र छाया
करो नमन उनकी काया।
दिल न उनका दुखाना तुम
लौट कर वो न आएँगें।
देकर अपनी सारी पूँजी
चले फ़लक में जाएँगे।
–सविता गुप्ता
राँची झारखंड

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
