काव्य : बापू तुमको एक बार फिर आना होगा -किरण मोर कटनी

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गांधी जयंती पर विशेष

बापू तुमको एक बार फिर आना होगा

बापू तुमको एक बार फिर आना होगा
सत्याग्रह फिर आकर तुम्हें बिठाना होगा
आजादी का का फिर से डंका बजाना होगा
झुकता तिरंगा फिर से आज लहराना होगा

किया अहिंसा आंदोलन जो तुमने
आकर उसकी लाज बचाना होगा
भ्रष्टाचार की सुलगती आग को
आकर तुरंत बुझाना होगा

हिंसा,व्यभिचार होता है,उस पर
रोक लगाना होगा
सच्चाई, ईमान धर्म के नीति नियम के
नये मंत्र बतलाना होगा

बहन, बेटियों की लुटती लाज
बचाना होगा
कब होगा आजाद देश आकर तुम्हें
बताना होगा
बात-बात उठती तलवारें, जमीं में
दफनाना होगा
डूब रही नैया भारत की अंतर्जाल से बाहर लाना होगा

बापू तुमको एक बार फिर आना होगा।

किरण मोर
कटनी

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