

विघ्नों को हर गणपति बप्पा चले अपने घर-गाजे-बाजे के साथ शहर में निकला गणेश विसर्जन चल समारोह
बड़ी प्रतिमा से लेकर छोटी प्रतिमाएं पदम कुंड में आरती के साथ की गई विसर्जित
खंडवा।
विघ्नों को हरने वाले भगवान गणेश को भक्तों द्वारा गाजे-बाजे के साथ नाच गाकर विदा किया गया। भक्तों द्वारा शुभ मुहूर्तों में भगवान गणेश का विसर्जन किया गया। समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि विसर्जन का सिलसिला सुबह से प्रारंभ होकर देर रात तक चलता रहा। गणपति बप्पा मोरया अगले बरस तू जल्दी आ..के स्वर दिनभर शहर की सड़कों पर गुंजायमान रहे। ढोल की थाप पर थिरकते युवा व गुलाल की बौछार से लाल भक्त मदमस्त होकर अपने प्रिय देव को विसर्जित करने के लिए विसर्जन स्थल पहुंचे जहां पर अंतिम बार पूजन-आरती के पश्चात विधि-विधान से भगवान लंबोदर को अंतिम विदाई दी गई। विघ्नहर्ता, लंबोदर, गजानन, एकदंत, विनायक, गणेश आदि नामों से देवों में प्रथम पूजनीय भक्तों के प्रिय देवता का गुरूवार को शुभ मूहुर्तों में पूजन-आरती कर विसर्जन किया गया। दस दिनों तक श्रीगणेश की पूजा अर्चना कर ग्यारहवें दिन बप्पा की विदाई के साथ गणेशोत्सव संपन्न हुआ। गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन का सिलसिला सुबह 10 बजे से ही प्रारंभ हो गया था। भक्तों द्वारा शुभ मुहूर्तों में गणेश प्रतिमाओं को विसर्जित किया गया। शहर में स्थापित गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन पदमकुंड के साथ ही आबना नदी, गणगौर घाट, भाम नदी, रामेश्वर कुण्ड एवं अटल सरोवर नागचून पर हुआ। सबसे ज्यादा एवं बड़ी प्रतिमाओं का विसर्जन क्रेन के माध्यम से पदमकुण्ड पर हुआ। विसर्जन के दौरान शहर के मुख्य मार्गों व चौराहों पर भारी पुलिस बल तैनात रहा। संवेदनशील क्षेत्रों में भारी पुलिस बल तैनात किया जाकर सीसी टीवी कैमरों की मदद से चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही थी। शहर में शांति एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए शहर के अलावा अन्य शहरों से भी बड़ी संख्या में पुलिस बल खंडवा पहुंचा। जिन्हें कंट्रोल रूम में एकत्रित कर क्षेत्रवार ड्यूटी सौंपी गई। हर वाहन में थे सवार लंबोदर विघ्नहर्ता भगवान गणेश का विसर्जन बड़े ही धार्मिक उल्लास के साथ भक्तों द्वारा किया गया। किसी ने पैदल यात्रा कर अपनी भक्ति निभाई तो किसी ने कार, जीप, ट्रक या ऑटो में बैठाकर अपने प्रिय देवता को अंतिम विदाई दी। भक्तों की भक्ति देखते ही बन रही थी। रास्तेभर भगवान गणेश की जयकारों के साथ ही ढोल व बैंड बाजों की थाप पर नाचकर भक्त भक्ति के नशे में चूर थे। गणेश विसर्जन के साथ ही चल समारोह को लेकर पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के खास इंतजाम कर लिए गए थे। शहर के संवेदनशील क्षेत्रों के साथ ही मुख्य चौराहों व गलियों में पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से बैरिकेट्स लगाए गए।

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
