

मेरी कविता
मुझे कविता ने सिखाया
ऊंचे सूरज की,
सुनहरी किरणो से प्यार करना
मुझे कविता ने सिखाया
पंछियो का आकाश मे रहकर
हवाओ से प्यार करना
मुझे कविता ने सिखाया
नवांकुर का फूटना
फिर नई कौपलो का आना
जीवन की संभावनाओ से प्यार करना
मुझे कविता ने सिखाया
चट्टानो को चीरकर,
पहाड़ी नदी का राह बनाना
ओर गंतव्य चले जाना
मुझे कविता ने सिखाया
चाँद की रोशनी से,
जगमग नील गगन में
तारों के अन॔त को
नजदीक से प्यार करना
मुझे कविता ने सिखाया
शब्दो से आलिंगन,
शब्दो की मर्यादा
और
शब्दो से प्यार करना
इसलिए
मै ,क्यूँ ना लिखू ?
कविता
यह पर्याय है,अपनेपन का
यह पर्याय है,पागलपन का
यह पर्याय है,जीवन के सादेपन का
यह पर्याय है ,हमारे बालपन का
यह पर्याय है,दीवानेपन का
है,
कविता तुम पर्याय हो
मेरे दिल-मेरे मन का
– देवेंद्र थापक
भोपाल

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
