

हम सबको संगठित होकर भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है, सनातन धर्म की रक्षा करना है – पंडित धीरेंद्र शास्त्री
दिव्य दरबार में कई श्रद्धालुओं की समस्याओं का हुआ निदान
खंडवा।
हरसुद क्षेत्र के विधायक प्रदेश के मंत्री और विजय शाह के आग्रह पर आदिवासी क्षेत्र में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर सनातन धर्म के प्रचारक पंडित धीरेंद्र शास्त्री आयोजित दो दिवसीय श्री राम एवं हनुमंत कथा के साथ दिव्य दरबार के लिए हरसुद पहुंचे। समाजसेवी व प्रवक्ता सुनील जैन ने बताया कि श्रीराम और हनुमंत कथा में दोनों दिन चार लाख से भी अधिक श्रद्धालुजनो ने उपस्थित होकर दर्शन लाभ लेकर प्रवचन सुने। कथा के साथ श्री शास्त्री जी ने प्रवचन के माध्यम से सनातन धर्म का झंडा गाड़ने का सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध किया कहा कि हम सबको भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है अपनी जीवनचर्या में कुछ समय हमें धर्म और संस्कृति के लिए भी देना है जिससे हमारा यह देश विश्व का सिरमौर और हिंदू राष्ट्र बन सके, बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह से पर्चे के बारे में पूछना चर्चा का विषय बन गया। ठहाके लगे और फिर उन्होंने मंत्री श्री शाह को साफ मन का बताया।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने दिव्य दरबार में वनमंत्री विजय शाह से पूछ लिया- तुम्हें तो नहीं कटवाना है पर्चा? मंत्री ने इस बात को हंसकर टाल दिया। फिर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा- मंत्री जी का मन साफ है। कोई लाग लपेट नहीं। गाड़ी में बैठे ये बता रहे थे कि पंडाल का खर्च ज्यादा आ रहा है तो हमने नेताजी बुला लिए, इससे खर्च निकल जाएगा।
खंडवा के हरसूद में श्रीराम और हनुमंत कथा करने पहुंचे बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा है कि अगर भारत में रहना है तो सीताराम कहना होगा। बजरंगबली का देश है। बाबर का नहीं, रघुवर का देश है। संतों को पाखंडी कहने वालों पर भी उन्होंने कटाक्ष किया।
दो दिन की कथा के दूसरे और अंतिम दिन आज उन्होंने दिव्य दरबार लगाया। इसमें पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने लोगों से कहा- महीने दो महीने में एक बार धाम जाना शुरू कर दो। किराया उधार लेकर मत जाना। ये बात अन्य धर्मगुरु इसलिए नहीं कहते क्योंकि उन्हें डर है कि कहीं उनकी दुकान न बंद हो जाए। जब तक तन में प्राण रहेंगे, हम हिंदू राष्ट्र बनवाने का पूर्ण प्रयत्न करते रहेंगे। अब बहुत हो गया। भारत में रहना है तो सीताराम कहना होगा। बजरंग बली का देश है। बाबर का नहीं ये रघुवर का देश है। तुम्हारा स्वार्थ दरबार का है , हमारा स्वार्थ हिंदू राष्ट्र का है। संतों को पाखंडी कहने वाले को निशाने पर लेते हुए पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि उनके लिए बालाजी का दरबार एक झन्नाटेदार तमाचा है। मेरा मकसद आप सभी को बालाजी का बनाना है। हमारे हनुमानजी ने कहा कि बेटा अब हमें इनकी ठठरी बांधना है। उनकी दुकानें बंद हुई तो उनके दिमाग खराब हो गए। मुझे मारने की धमकी देने लगे। उन्हें लगा ये डर जाएंगे। लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि जब तक प्राण है, हर बार हिंदू राष्ट्र की बात करूंगा।
खंडवा जिले के हरसूद में बागेश्वर धाम सरकार…एक बार फिर किया हिन्दू राष्ट्र का आह्वान…बोले, मोबाइल देखना बंद करो, मोबाइल पर हिंदू राष्ट्र नहीं बनने वाला बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री ने एक बार फिर हिंदू राष्ट्र का आह्वान किया है। मध्यप्रदेश के खंडवा जिले के हरसूद में पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने व्यास पीठ से हिन्दू राष्ट्र का आह्वान किया है। जिसमें उन्होंनेप कहा है, कि तुम हमारा साथ दो हम मिलकर तुम्हें हिंदू राष्ट्र देंगे। फिर उन्होंने कथास्थल पर मौजूद विशाल जनसमूह से पूछा कि कौन–कौन भारत हिन्दू राष्ट्र चाहता है? लिख दो दिवालो पर। मोबाइल देखना बंद करो, मोबाइल पर हिंदू राष्ट्र नहीं बनने वाला। आओ घर से बाहर निकलकर भारत हिन्दू राष्ट्र की पहल प्रारंभ करते है। प्रवक्ता सुनील जैन ने बताया कि खंडवा जिले की हरसूद विधानसभा में प्रदेश के वनमंत्री विजय शाह द्वारा बागेश्वर धाम की कथा का दो दिवसीय आयोजन पूर्ण रूप से सफल हुआ लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने कथा और दिव्य दरबार का पुण्य प्राप्त किया बड़ी संख्या में श्रद्धालु ने पहुंच कर कथा कथा सुनने का लाभ प्राप्त किया और दिव्य दरबार में अपनी समस्याओं का हल बागेश्वर धाम से जाना दोनों दिन मंत्री विजय शाह खंडवा की पूर्व महापौर भावना शाह पुत्र दिव्यदित्य शाह, बहुरानी श्रीमती शाह ने व्यास पीठ के पूजन के साथ शास्त्री जी का स्वागत व अभिनंदन कर आशीर्वाद प्राप्त किया, साथ ही आरती में भी भाग लिया, 25 सितंबर को धीरेंद्र शास्त्री हरसूद से रवाना हुए।

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
