काव्य : नारी शक्ति वंदन अधिनियम – शेफालिका सिन्हा,रांची

175

नारी शक्ति वंदन अधिनियम

चलो अच्छा है
घर में अपनी
एक बात कहने का
अधिकार नहीं ,
संसद में इनकी संख्या
बढ़ जाएगी तो
जरूर बहुत मजबूत हो जाएंगी।

घर की शोभा
देश की संसद में
पहले से जाती हैं
वहां विचार विमर्श कर
अपने क्षेत्र के देखभाल की
जिम्मेवारी भी निभाती हैं
घर से बाहर की दुनिया में भी
अपनी छवि बनाती हैं।

पर, आज भी घर का संघर्ष
बाहर से बड़ा है
ये वही हैं
जिनकी आवाज
कभी घर में दब जाती है
आह बनकर रह जाती है,
अब अधिक संख्या में
संसद में आएँगी
सब की आवाज बन जाएगीं
अपने वजूद से सबको
चमत्कृत कर जाएंगीं।

‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’
संसद से पास होकर
कानून बन जाए पर
एक कानून जो
सबके दिल में बनना चाहिए
उनकी स्तुति गान नहीं
उनको सही अर्थों में
अपने बराबर समझना चाहिए।।

शेफालिका सिन्हा,
रांची

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here