

अस्तित्व
क्या खुद को ढूंढे कहां है हम,
कभी जमीं तो अभी आसमां है हम।
कभी अंधेरे में भटकती जिंदगी,
तो कभी अंधेरे में चीरती समां है हम।
कभी लोगो की भीड़ में अकेले है हम,
तो कभी अकेले ही कारवां है हम।
कभी उदासियों भरा पिटारा है हम,
तो कभी पल दो पल खुशनुमा है हम।
– आशीष तिवारी
जबलपुर (म. प्र.)

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
