

गणपति बप्पा
पिता शंकर मां पार्वती के दुलारे,
भक्तों के बिगड़े काज संवारे।
सब देवों में प्रथम पूजे जाते हैं,
गणपति बप्पा सबके मन को भाते हैं।
लड्डू मोदक है गणपति को प्यारे,
दीन दुखियों के गणपति बप्पा सहारे।
मूषक पर बप्पा करते हैं सवारी,
दुर्वा है गणपति बप्पा को प्यारी।
लंबोदर और एकदंत कहलाते हैं,
भक्तों के बुलाने पर दौड़े चले आते हैं।
रिद्धि-सिद्धि के स्वामी है,
सबके मन की बात जान ले बप्पा अंतर्यामी है।
विघ्न हर्ता सुख कर्ता है गणपति,
नाम जपने से शुद्ध होती है मती।
रिद्धि सिद्धि शुभ लाभ को साथ लाते,
मंगल सब के कार्य कराते।
– भावना मोहन कुमार विधानी
अमरावती महाराष्ट्र

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
