लघुकथा : जन्म – अंजु गुप्ता हिसार, हरियाणा

145

लघुकथा

जन्म

किसी को पलट कर ज़वाब देना उसकी प्रवृति न थी। ससुराल में होने वाले बेटा-बेटी के भेदभाव से परिचित थी, इसलिए बच्चे के जन्म से पहले ही वह खुद को चट्टान बनाती गई।

बच्चे के रोने की आवाज़ सुनकर पति ने रौबीली आवाज़ में नर्स से पूछा, “किसका जन्म हुआ?”

“माँ का।” पत्नी की धीमी पर, गर्वित आवाज़ में रौबीली आवाज़ दब गई थी ।

अंजु गुप्ता
हिसार, हरियाणा

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here