

लघुकथा
जन्म
किसी को पलट कर ज़वाब देना उसकी प्रवृति न थी। ससुराल में होने वाले बेटा-बेटी के भेदभाव से परिचित थी, इसलिए बच्चे के जन्म से पहले ही वह खुद को चट्टान बनाती गई।
बच्चे के रोने की आवाज़ सुनकर पति ने रौबीली आवाज़ में नर्स से पूछा, “किसका जन्म हुआ?”
“माँ का।” पत्नी की धीमी पर, गर्वित आवाज़ में रौबीली आवाज़ दब गई थी ।
–अंजु गुप्ता
हिसार, हरियाणा

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
