

शाश्वत यौगिक खेती बनाएगी किसानों को आत्मनिर्भर- ब्रह्माकुमार राजू भाई जी
भारत कि शान आत्मनिर्भर किसान पर आयोजित संगोष्ठी संपन्न
खंडवा।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के तत्वाधान में भाग्योदय भवन खण्डवा में 15 सितम्बर शुक्रवार को कार्यक्रम स्वर्णिम भारत की शान आत्मनिर्भर किसान का आयोजन हुआ, जिसमे अत्यधिक संख्या में किसान बंधु, कृषि अधिकारी एवं ग्राम विकास तथा कृषि से जुड़े महानुभाव ने भाग लिया समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में ब्रह्मा कुमारीज के मुख्यालय माउंट आबू से पधारे कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग के उपाध्यक्ष राजयोगी ब्रह्माकुमार राजू भाई जी ने अपने उद्बोधन में खेती किसानी को लेकर मार्गदर्शन प्रदान किया कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजू भाई जी ने कहा कि वर्तमान समय शाश्वत योगिक खेती को अपनाना बहुत जरूरी है क्योंकि कहते हैं जैसा अन्न वैसा मन होता है। अन्न का प्रभाव मन पर और मन का प्रभाव तन पर होता है। अगर तन और मन को स्वस्थ रखना है तो हमें प्राकृतिक तरीके की शाश्वत यौगिक खेती को अपनाना होगा इसलिए आज आवश्यकता है कि हम अपनी पारंपरिक कृषि पद्धति को अपनाकर तथा राजयोग के माध्यम से प्रकृति के साथ सम्बद्ध होकर पूर्ण रूप से सात्विक और शक्तिशाली अन्न की उपज करे जिससे हमारा देश और किसान समृद्ध और खुशहाल हो सके। कार्यक्रम में पधारे विशेष अतिथि कृषि महाविद्यालय खंडवा के प्रोफ़ेसर व्हाय.के. शुक्ला ने संबिधित करते हुए शाश्वत योगिक खेती के अपने प्रयोगों और अनुभव को सभा में उपस्थित सभी लोगों से साझा किया और कहा की अनेक वैज्ञानिक शोध हमें यही इशारा देते हैं की वर्तमान खेती में रसायनों का उपयोग हमारे स्वास्थ्य, जमीन और आने वाली पीढ़ी सभी के लिए हानिकारक है। भारतीय किसान संघ के जिला उपाध्यक्ष सुभाष पटेल ने अपने वक्तव्य में कहा की पहले की कृषि बहुत आकर्षक व मनभावन थी तो हमें भी पूर्वजों की इस परंपरा को आगे बढ़ाना है और पारंपरिक पद्धति को अपनाना है। इस अवसर पर कविता गवली सहायक मिट्टी परिक्षण अधिकारी, लोकेन्द्र मंडलोई सहायक मिट्टी परिक्षण अधिकारी, रश्मि शुक्ला प्रोफ़ेसर कृषि महाविद्यालय खंडवा, धरमचंद गुर्जर प्रांतीय युवा वाहिनी सहसंयोजक, ने भी अपने अनुभवों से कृषकों को लाभान्वित किया, कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों एवं कृषक भाइयों का ईश्वरीय सौगात देकर सम्मान किया गया, कार्यक्रम का सचालन ब्रह्माकुमारी सुरेखा दीदी ने किया। आभार सेवाकेंद्र संचालिका ब्रह्माकुमारी शक्तिदीदी ने माना ।

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
