काव्य : संघर्ष – नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र

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संघर्ष

संघर्ष से जीवन बन जाता हैं।
न जीवन बिन मेहनत रंग लाता हैं।

आप और हम सभी जानते हैं।
संघर्ष से ही हम सभी बन जाते हैं।

आज के संघर्ष से कल का सूर्य उगता हैं।
सच ही तो हम सभी का पल रहता हैं।

चाहत और मोहब्बत में भी संघर्ष होता हैं।
कभी हां कभी न रुठना मनाना रहता हैंं।

हां सच और हकीकत में हमारे संघर्ष हैंं।
इंसान ही तो समय के साथ बदलता हैं।

संघर्ष की कसौटी पर खरा उतरना हैं।
हौसला हम सभी को सहयोग करता हैं।

रंगमंच के हम सभी किरदार संघर्ष,
एक मानव जीवन का महत्व होता हैं।

नीरज अग्रवाल
चंदौसी उ.प्र

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