

भाषा के महत्व को याद दिलाता है हिंदी दिवस
हर साल 14 सितंबर के दिन हिंदी दिवस मनाया जाता है राष्ट्रीय हिंदी दिवस भारत में हिंदी को आधिकारिक दर्जा मिलने की खुशी में मनाया जाता है ।
इस दिन भाषा के महत्व को याद दिलाने का अनोखा अवसर होता है हिंदी भारत की राष्ट्रीय भाषा है भारत की विविधता का प्रतीक भी है भाषा हर राष्ट्रीय की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर होती है हिंदी दिवस पर अपनी मातृभाषा हिंदी के प्रति समर्पित हो यह संवैधानिक अधिकार है राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है हिंदी को पढ़ना लिखना सुरक्षित रखना हमारी अपनी जिम्मेदारी है जिस तरह हम सबके जन्मदिन होते हैं और उसे दिन सब हम सब हमारा खास होता है इसी तरह हमारी भाषा हिंदी का भी आज जन्मदिन ही समझो जिसे हम सब 14 सितंबर को याद कर संकल्प बाद होना चाहते हैं कि हम हिंदी का अधीक्ड अधिक इस्तेमाल करेंगे और इसका प्रचार करेंगे अपनी भाषा से जुड़े रहने पर गवर्नमेंट महसूस करें इस दिन को मना कर हम अपनी मातृभाषा के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं हिंदी की उपयोगिता को समझ कर अपने विचारों को सही ढंग से व्यक्त करना चाहिए हिंदी दिवस पर हमें हमारे देश भारत की एकता को मजबूत बनाने के उपाय ढूंढ कर इसे प्रमोट करना चाहिए यह भी याद रखने योग्य है कि हमारी भाषा हमारी संस्कृति गाथाएं और इतिहास का प्रतीक है हिंदी का सही ज्ञान देश के धरोहर है बच्चों के संस्कृति के मूल मूल्य में करते हो को निर्वहन करना सिखाती है भाषा के महत्व को समझकर हमें हिंदी को बचाने का प्रयास निरंतर करना चाहिए विद्यालय और समाज में उचित प्रयोग कर एक दूजे से जुड़े रहने का प्रयास कर राष्ट्रीय भाषा को के रूप में हिंदी को अग्रिम बनाएं मार्च भाषा हमारे गर्व वी पहचान का प्रतीक है हिंदी का उद्भव संस्कृत से हुआ है यह एक इंडो आर्य भाषा है हिंदी के विकास के लिए साथ ही वेदों उपनिषदों और महाभारत जैसे महत्वपूर्ण ग्रंथ भी लिखे गए हैं भारत सामाजिक धार्मिक राजनीतिक सांस्कृतिक आर्थिक नीतियों का बड़ा देश है इसमें विभिन्न नेताओं के बाद भी एकता का समावेश है यही भारत की पहचान है सभी भाषाओं के ज्ञान को सम्मान करता है मातृभाषा के लिए विशेष कार्य करना जरूरी है गांधी जी और अन्य सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने हिंदी का बड़े पैमाने पर समर्थन किया हिंदी का हर क्षेत्र में विशेष योगदान है हिंदी भाषा विविधता और रंगमंच का एक ऐसा आदित्य रूप है जिसमें विभिन्न कलाओं के माध्यम से हमारे जीवन को सुंदर बनाया है हिंदी की साहित्यिक धरोहर में गोस्वामी तुलसीदास सूरदास प्रेमचंद और महादेवी जैसे महान लेखकों का महत्वपूर्ण योगदान है आखिर में हिंदी दिवस अवसर पर हमारे युवाओं को आगे जाकर हिंदी के महत्व को समझकर समर्थन देकर प्रोत्साहित करना चाहिए इस सांस्कृतिक धरोहर माने ना कि मात्र एक भाषा देश की मजबूती बने हिंदी भाषा हम सब भारतीय एक होकर आगे बढ़े।
– सुनीता मलिक सोलंकी
मुजफ्फरनगर उप्र

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
