

समय ,अगर मैं बीत गया तो!
समय रहते कुछ करना सीखो,
अगर बीत गया समय
तो फिर लौट न आए।
अगर बीत गया फागुन
तो फिर त्योहार न आए।
अगर बीत गया सावन
तो फिर बरसात न आए।
अगर बीत गया अगहन
तो फिर फसले न लहराए।
अगर बीत गया मुकाम
तो फिर मंजिल हाथ न आए।
अगर बीत गए लम्हे
तो फिर वह हँसी के पल न आए।
समय के संग चलना सीखो ।
त्योहारो में झूमना सीखो ।
लहरो से ज़िंदगी के तरंग सीखो।
हर लम्हो में अपना अस्तित्व क़ायम रखो।
सब रुक जाएंगे पर रुकूँगा न मैं!
सब झुक जाएंगे पर झुकूंगा न मैं।
अगर सिख गए तुम परस्पर साथ चलना,
तो चलाओगे तुम जग सारा।
अगर सिख गए तुम मेरी परवाह करना,
तो सारा जग लग जाएगा तुम्हारी परवाह करना।
– रुद्रप्रताप तिवारी
ग्राम एवं पोस्ट : रोवाम।
वाया : कतराससगढ़।
जिला : धनबाद ।
राज्य : झारखण्ड।

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
