काव्य : समय ,अगर मैं बीत गया तो! – रुद्रप्रताप तिवारी,रोवाम

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समय ,अगर मैं बीत गया तो!

समय रहते कुछ करना सीखो,
अगर बीत गया समय
तो फिर लौट न आए।
अगर बीत गया फागुन
तो फिर त्योहार न आए।
अगर बीत गया सावन
तो फिर बरसात न आए।
अगर बीत गया अगहन
तो फिर फसले न लहराए।
अगर बीत गया मुकाम
तो फिर मंजिल हाथ न आए।
अगर बीत गए लम्हे
तो फिर वह हँसी के पल न आए।

समय के संग चलना सीखो ।
त्योहारो में झूमना सीखो ।
लहरो से ज़िंदगी के तरंग सीखो।
हर लम्हो में अपना अस्तित्व क़ायम रखो।

सब रुक जाएंगे पर रुकूँगा न मैं!
सब झुक जाएंगे पर झुकूंगा न मैं।
अगर सिख गए तुम परस्पर साथ चलना,
तो चलाओगे तुम जग सारा।
अगर सिख गए तुम मेरी परवाह करना,
तो सारा जग लग जाएगा तुम्हारी परवाह करना।

रुद्रप्रताप तिवारी
ग्राम एवं पोस्ट : रोवाम।
वाया : कतराससगढ़।
जिला : धनबाद ।
राज्य : झारखण्ड।

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