

गुरू
मनहरण घनाक्षरी
देते शिक्षा वरदान ,
रूप दिखे भगवान ,
सीख देते नेक गुरू ,
*महिमा अपार है ।*
करें हम गुणगान ,
बनाते जो विद्यावान ,
अनुपम बुद्धि देते,
*करे बेड़ापार हैँ ।*
वंदना करें गुरू की ,
कृपा मिलती प्रभु की ,
संतापों को दूर करे,
*जग जयकार है।*
हैँ संस्कार सिखलाते ,
सत्य -मार्ग दिखलाते ,
अपने पुण्य ज्ञान से,
*करें उजियार हैँ।*
– कविता नेमा “काव्या”
सिवनी,मध्यप्रदेश

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
