

गुरुकी हो जयकार
गुरुकी हरदम वंदना, जीवनमें उजियार।
शिक्षा दिक्षा के धनी, जगका हो उद्धार।१।
गुरुकी कृपा सदा रहे, जीवन पर उपकार।
मानव को शिक्षित करें, महिमा अपरंपार।२।
ज्ञान हीन बेमोल है, गुरुमुख हो संसार।
माटी तन कुंदन बनें, गुरु शिक्षा आधार।३।
गुरु का जगमें मान है, शिक्षा जीवन सार।
गुरु चरणों में शीश धर, होगा बेड़ा पार।४।
गुरु सेवा अनमोल है, गुरुको सबसे प्यार।
भेदभाव तनिका नहीं, गुरुकी हो जयकार।५।
– अनिरुद्ध कुमार सिंह,
धनबाद, झारखंड

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
