गिरी मोहन गुरु लिखित “बाल रामायण” का लोकार्पण संपन्न

91

गिरी मोहन गुरु लिखित “बाल रामायण” का लोकार्पण संपन्न

नर्मदापुरम
गिरी मोहन गुरु द्वारा लिखित और रामायण केंद्र भोपाल द्वारा प्रकाशित “बाल रामायण” का लोकार्पण रामायण केंद्र निदेशक डॉक्टर राजेश श्रीवास्तव की अध्यक्षता, माया नारौलिया के मुख्य आतिथ्य, प्रबुद्ध साहित्यकार सुरेश पटवा और देवेंद्र रावत के विशिष्ट आतिथ्य में संपन्न हुआ। जिसमें भोपाल की साहित्यकार डॉक्टर रूपाली सक्सेना, अनुभूति शर्मा की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

सर्वप्रथम देवेंद्र रावत ने मंच पर विराजमान प्रबुद्ध जनों और उपस्थित श्रोताओं का स्वागत करते हुए गिरी मोहन गुरु जी को नर्मदा घाटी का संत तुलसी निरूपित किया। डॉक्टर राजेश शर्मा ने मानव जीवन में अध्यात्म और विज्ञान की मिलीजुली भूमिका पर प्रकाश डाला।

सुरेश पटवा ने श्री राम की साहित्यिक विवेचना पेश करते हुए अमृत लाल नागर द्वारा तुलसी दास जी के जीवन पर लिखित उपन्यास का हवाला देते हुए कहा कि श्री राम के चरित्र से पाँच गुण सामने आते हैं- त्याग, तपस्या, मर्यादा, संघर्ष और अनुशासन। रामचरितमानस में ये गुण सिर्फ़ राम के चरित में नहीं दिखते अपितु हनुमान, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघन, सीता, उर्मिला, माण्डवी और श्रुतकीर्ति के चरित्रों में भी ये पाँच गुण परिलक्षित होते हैं। भारत विश्वगुरु भूमिका निभा सकता है यदि भारत के प्रत्येक नागरिक इन गुणों को अत्मसात करें।

रामायण केंद्र के निदेशक डॉक्टर राजेश श्रीवास्तव ने विश्व में रामायण संस्कृति का प्रचार प्रसार पर
प्रकाश डालते हुए नई पीढ़ी का आह्वान किया कि वे इस क्षेत्र में शोध कार्य करें। इसके बाद मुख्य अतिथि महोदया माया नारौलिया के कर कमलों से प्रतिभावान छात्र-छात्राओं का अभिनंदन किया गया। शिक्षक दिवस के अवसर पर उल्लेखनीय सेवाओं को रेखांकित करते हुए शिक्षकों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम के अंत में कवियों द्वारा काव्य पाठ किया गया। आभार प्रदर्शन के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।

गिरी मोहन गुरु
ललिता आश्रम

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here