

शिक्षक दिवस
ज्ञानी गुणी जो हम कोबनाते ,
नीति निपुणता का पाठ पढ़ाते।
सच्ची राह पर हमको चलाकर,
भाग्य विधाता शिक्षक कहलाते।।
कभी प्यार से तो कभी मार से,
कभी डांट से कभी पुचकार से।
वदी से बचना और नेकी करना ,
यह हमको शिक्षक ही सिखलाते।।
उनके बिना हम कुछ भी नहीं हैं,
माटी का एक ढेला सा कहीं हैं।
ग्यान की ज्योति जलाकर मन में ,
इनसे उरिण हम होते न कभी हैं।।
नमन करूँ नित चरणों इनके
भविष्य हमारा बनता यहीं हैं।।
सुषमा वीरेंद्र खरे
जबलपुर

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
