

शिक्षक दिवस पर
दोहे
(1)
शिक्षक से करवा रहे ,गैर जरूरी काम
बोलो ऐसी नीति के,क्या होंगे परिणाम
(2)
नैतिक शिक्षा साथ में,मिले ज्ञान विज्ञान
सदविचार शिक्षित बनें,दूर करें अज्ञान
(3)
राधाकृष्णन रूप में, यदि शिक्षक बन जाय
नैतिक शिक्षा साथ में, जीवनधन फल लाय
(4)
जो बालक करते नहीं,शिक्षक का सम्मान
कुछ वो बन पाते नहीं,सहते नित अपमान
(5)
लड़का लड़की मानिए, ईश्वर के दो रूप
एक जहां पर छांव है,दूजा खिलती धूप
(6)
ऐसी शिक्षा दीजिए,मिट जाए अज्ञान
सेवाभावी सोच से ,बढ़े देश की शान
(7)
संस्कार से सींचिए,बच्चों का अज्ञान
संग में शिक्षा वह मिले,सीख सकें विज्ञान
(8)
जो शिक्षक देते सदा,हर बच्चे पर ध्यान
वो करते प्रगति सदा,खूब कमाते नाम
(9)
शिक्षा संग में दीजिए, नैतिकता का ज्ञान
सद्शिक्षा ऐसी मिले ,मिट जाए अज्ञान
(10)
विषय ज्ञान के साथ में, करें सदा हम योग
ध्यान कभी भटके नहीं,मिट जाएं सब रोग
राजेन्द्र शर्मा राही
भोपाल

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
