जर्मनी की अज़ब गज़ब वैवाहिक रस्में – मनोज गुप्ता ज्योतिषाचार्य, दिल्ली

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अज़ब गज़ब वैवाहिक रस्में दुनिया में कई देश है हर जगह की भाषा , संस्कृती  सब अलग अलग है ! ऐसे में यदि हम बात करे विवाह की तो हर देश  व उनके राज्यों की तो सबकी अपनी अलग अलग रस्में और रीती रिवाज़  है ! अकेले भारत में  ही विविध   विवाह की परम्पराये  है ! कुछ रस्में  तो इतनी अज़ाब गज़ब व रोचक है जिससे आमजन बिलकुल अनजान है ! देश विदेश की सभी रस्मों का  खुलासा   एक बार में संभव नहीं है

आइये आज जानते है जर्मनी की कुछ  शादी  की रोचक रस्मों के बारे में …

शादी से एक रात पहले दूल्हा-दुल्हन पार्टी देते हैं जिसमें कोई भी आसकता है। मतलब बिन बुलाये मेहमान। और फिर सब लोग अपने पांवों से चीनी मिट्टी केबर्तन तोड़ते हैं। अगले दिन दूल्हा-दुल्हन मिलकर सफाई करते हैं।अपनी बैचरल पार्टी में जाने से पहले जर्मन लड़के और लड़की को ट्राम याबस में, गली या कहीं भी लोगों को अजीब-अजीबचीजें बेचनी होती हैं जैसे निरोध, शराब आदि।जर्मन दूल्हा अपने खास दोस्त या रिश्तेदार को और दुल्हन खास सहेली याखास नौकरानी को गवाह के रूप में अपने साथ शादी में लाते हैं जर्मनी में शादी केगवाहों की बड़ी अहमियत होती है।जर्मनी में शादी के बाद होने वाली पार्टी में हर कोई पहुंचता है। सबलोग सारे रास्ते में गाड़ियों के हाॅर्न बजाते हुए जाते हैं। अनजान लोग भी चाहें तोअपनी गाड़ियों के हाॅर्न बजाकर इसमें शामिल हो सकते हैं।जर्मन शादियों में खूब खेल खेले जाते हैं जो रातभर चलते हैं जैसे किलकड़ी काटना। दूल्हा-दुल्हन मिलकर लकड़ी काटते हैं।शादी समारोह के बाद वर के करीबी दोस्त दुल्हन का अपहरण कर लेते हैं।वे लोग उसे लेकर एक बार से दूसरे बार तक रातभर घूमते रहते हैं और दूल्हा उसे खोजताहै।शादी के बाद दुल्हन के चेहरे से नकाब उतार लिया जाता है औरदूल्हा-दुल्हन उसके नीचे डांस करते हैं। कई जगह उस नकाब पर मेहमान पैसे भी उछालतेहैं।जर्मन लोग शादी का केक आधी रात के वक्त काटना ज्यादा पसंद करते हैं।कहा जाता है कि केक काटते वक्त वर-वधू में से जिसका हाथ ऊपर रहता है, जिंदगी भर उसी की चलती है। इसके कारण खूब धुला मस्ती भी होती है।सगाई के बाद अंगूठी पहनना जर्मनी में इतना जरूरी नहीं है। लड़की पहनतीभी है तो अपने बाएं हाथ में। लेकिन शादी के बाद दोनों दाएं हाथ में अंगूठी पहनतेहैं।पुराने समय से ही एक प्रथा सुहागरात वाले दिन होती है। दूल्हा-दुल्हनके कमरे को उनके दोस्त गुब्बारों से भर देते हैं। अपने वैवाहिक जीवन की शुरुआत सेपहले दोनों को वे सारे गुब्बारे फोड़ने होते हैं। इनमें से एक भी गुब्बारा गलती सेभी छूटना अशुभ माना जाता है। यह प्रथा धीरे-धीरे अब कम होती जा रही है।सिंड्रेला, जर्मनी का एकमजेदार खेल है। वैवाहिक समारोह में मौजूद सभी लड़कियां अपनी एक-एक सैंडिल डांसफ्लोर के बीचोंबीच रखती हैं। लड़कों को इकट्ठे आकर एक-एक सैंडिल को उठाना होता है।जिस लड़की की सैंडिल जिस लड़के को मिलती है उन्हे ंसाथ में नृत्य करना पड़ता है।वैवाहिक समारोह में एक रोचक खेल और होता है गुब्बारों का। वधू केमाता-पिता हर मेहमान को एक पोस्टकार्ड देते हैं। इसमें नवदंपती का पता लिखा होताहै। पोस्टकार्ड के खाली हिस्से में मेहमानों को कुछ लिखना होता है। इसमें वेनवदंपती से कुछ वादे करते हैं। मसलन, हमआपकी गाड़ी साफ करेंगे, हम आपके कपडे़धो देंगे, हम आपके लिए संडे का डिनर बनाएंगे आदिआदि। इसके बाद इन पोस्ट कार्ड्स को गैस वाले गुब्बारे के साथ बांधकर आसमान में उड़ादिया जाता है। यह छोटे-छोटे वादे सचमुच बाद में निभाए भी जाते हैं।एक और रोचक खेल में नवदंपती के दोस्त वधू को कहीं छिपा देते हैं।दूल्हे को अपनी वधू को ढूंढना पड़ता है।कुछ वैवाहिक समारोहों में दुल्हन की सैंडिलों की नीलामी होती है।नीलामी बोलने वाला एक टोपी लेकर चारों ओर दौड़ता है और लोग उसमें पैसा डालते हैं।सारा पैसा वर को दिया जाता है जिसे वह घर खर्च के लिए दुल्हन को सौंप देता है।जर्मनी के पोलटेराबैंड में वर वधू शादी के अगले ही दिन सुबह एकसमारोह का आयोजन करते हैं। जिसमंे उनके आस पड़ोस और सगे संबंधी नाना प्रकार केपकवान बनाकर उन्हें भेंट करते हैं। इसके बाद वर-वधू एक-एक करके सभी बर्तनों कोतोड़ना शुरू कर देते हैं और उसमें पड़े खानों को भी फेंक देते हैं। इस रिवाज के पीछेऐसी मान्यता है कि बर्तनों के टूटने के शोर से बुरी आत्माएं कभी इनके रिश्ते केबीच में नहीं आएँगी।

मनोज गुप्ता
ज्योतिषाचार्य, दिल्ली

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