काव्य : राखी का त्यौहार – सौ,भावना मोहन विधानी अमरावती

राखी का त्यौहार

रेशम की कच्ची डोर से बंधा,
भाई बहन का पक्का रिश्ता।
सब रिश्तो से अनमोल पावन,
होता है यह पवित्र पावन रिश्ता।
बहन की खुशी की खातिर,
भाई देता है हर पल कुर्बानी।
जग में होती सबसे निराली,
भाई-बहन की प्यारी कहानी।
एक दूजे के सुख दुख खातिर,
साथ देने को हर पल तैयार।
इस पावन रिश्ते को सजाने,
आता हर साल राखी का त्यौहार।
राखी के दिन बहने सजाती,
रोली मिठाई कुमकुम के थाल।
माथे पर टीका लगाकर बहने,
कहती भाई जियो हजारों साल।
माता पिता के ना रहने पर भी,
खुले रहते मायके के द्वार।
राखी का पावन बंधन कहे,
बना रहे भाई बहन का प्यार।

सौ,भावना मोहन विधानी
अमरावती

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