काव्य : रक्षाबंधन – चन्दा डांगी,मंदसौर

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रक्षाबंधन

ये कैसा प्यार है अनोखा
बहन और भाई का देखा
चाहे जितना भी रूठे
प्यार उतना ही बढ़े
रिश्ता ये दुनिया में
है सबसे ही प्यारा
जहाँ नहीं आती है
अमीरी या गरीबी बीच में
रेशम के धागे से बंधा
मजबूत है ये रिश्ता
बहन हमेशा कामना करती है
भाई की खुशहाली की और
भाई निभाता है वादा
बहन की रक्षा का
देख नहीं पाता भाई
कभी भी बहन को उदास
चाहे जितना भी दूर रहे पर
मन में हमेशा ध्यान भाई की
खुशियों का रहे
रक्षाबंधन पर आज सभी भाई की खुशहाली और
स्वास्थ्य की कामना
करती है ये बहन.

चन्दा डांगी
रेकी ग्रैंडमास्टर मंदसौर मध्यप्रदेश

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