काव्य : रक्षाबंधन – आरती श्रीवास्तव विपुला जमशेदपुर

रक्षाबंधन

भाई बहन का पावन त्योहार।
आया राखी का त्योहार।
भईया रहना तुम सुरक्षित।
फिर करना मेरी परवाह।।

भईया तुम हो भाभी का श्रृंगार।
रखना तुम भाभी का मान।
मैं तेरी छोटी बहना।
बस देना थोड़ा सा प्यार।।

मैका रहे आबाद हमेशा।
बस देना थोड़ा सा ध्यान।
दुनिया की हर खुशियाँ तुम्हें मिले।
माँगे बहना ईश्वर से आज।।

राखी का उपहार मत दो।
बस दे दो वादा एक आज।
हर लड़की को बहन ही समझना।
मत करना किसी का अपमान।।

राखी तो एक प्रथा है भईया।
हर प्रथा से ऊपर है।
भाई बहना का प्यार।
आया राखी का त्योहार।।

आरती श्रीवास्तव विपुला
जमशेदपुर

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