काव्य : भाई बहन का रक्षा‌बंधन – आरती तिवारी सनत दिल्ली

भाई बहन का रक्षा‌बंधन

रक्षाबंधन का त्यौहार आया
घर घर खुशियों का मेला
भाई बहन का स्नेह की डोरी
मजबूत करें यह प्रेम बंधन
लगता प्यारा न्यारा जग से
अपना राजा भैया लंबी उमर हो
जुग जुग जिये मेरा भाई बहना कहे..
हर साल रक्षाबंधन पर भाई बुलाना
प्यारी बहना दौड़ी चली आती है
एक प्यार की मीठी मुस्कान भैया
भैया सदा खुश रहना तुम ..
भाई भतीजा सब मेरी जान
भाभी करती इंतजार ननदी का..
कब छम छम करती आए ननदी
घर की रौनक लौट आती जब
बहना पग मायके के आंगन धरे
मां बाबूजी सब खुश होते हैं
भाई भतीजा करें अगुवानी..
भाभी दौड़ कर हाथ‌ जल लोटा
आरती करती बारंबार थाल सजा..
रक्षाबंधन उत्सव में सब परिवार
एक साथ मिलकर मनाते खुशियां..
घर में पकवान बनाए जाते पूआ पूड़ी..
आज तो हर बहना को‌ देखो..
लगती परी धरती पर उतरी..
देख देख सब खुश होते हैं
भैया बार बार पूछते हाल बहना का.
सुंदर सुखद त्यौहार रक्षाबंधन पर्व..
आता साल में एक ही बार..
भाई बहन एक दूजे की मांगे खुशियों भरा संसार..!!

आरती तिवारी सनत
दिल्ली

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