

हिंदी राष्ट्र भाषा बने
हैदराबाद ।
हिंदी प्रेमी व विश्व हिन्दू परिषद के प्रतिनिधि राविनुतल शशिधर जी ने डॉ गुंडाल विजय कुमार से औपचारिक भेंट की और कहा कि हिंदी राष्ट्र भाषा बने। हिंदी सर्वमान्य भाषा है।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा हो। राष्ट्रभाषा बनाने हेतु हिंदी ही सहज सरल भाषा है व इसका प्रचार प्रसार सर्वव्यापक है। मैं दक्षिण प्रदेश का हूं फिर भी हिंदी मुझे सबसे प्रिय भाषा है।
देश के स्वतंत्रता संग्राम का आंदोलन केवल हिंदी भाषा से हुआ है। भारत एक लोकतांत्रिक देश है और हम एक देश के नागरिक है।
प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा ऐसी संस्था है केवल हिंदी राष्ट्र भाषा के लिए काम कर रही है। संस्थापक कवि संगम त्रिपाठी जी को मैं धन्यवाद देता हूं जो हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए अपना तन-मन अर्पित किया है। मैं उनके कार्यों के प्रति सदा सहमति प्रकट करता हूं।
डॉ गुंडाल विजय कुमार मेरा भाई जैसा है। मैं बचपन से जनता हूं। उसको भी मैं आशीर्वाद प्रकट करता हूं। हिंदी के लिए सेवा कर रहे है। डॉ गुंडाल विजय कुमार तन मन धन से समाज को प्रेरणादाई कार्य कर प्रेरणा प्रदान कर रहे हैं। इस अवसर पर डॉ गुंडाल विजय कुमार जी ने अपनी कृति विजय पथ भेंट की। इस अवसर पर कई सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
