तुलसी साहित्य अकादमी की विचार संगोष्ठी गोस्वामी तुलसीदास के व्यक्तित्व व कृतित्व पर संपन्न

तुलसी साहित्य अकादमी की विचार संगोष्ठी गोस्वामी तुलसीदास के व्यक्तित्व व कृतित्व पर संपन्न

झांसी ।
भारतीय चिंतन एवं संस्कृति के संवाहक राम चरित मानस के अमर रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी के जन्मोत्सव पर उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर आधारित संगोष्ठी का आयोजन विजय प्रकाश सैनी के संयोजन में सैनी गार्डन में किया गया । गोष्ठी की अध्यक्षता श्रीमती ब्रजलता मिश्रा ने की मुख्य अतिथि प्रताप नारायण दुबे अध्यक्ष अखिल भारती साहित्य परिषद जिला झांसी रहे । विशिष्ट अतिथि के रूप में निहालचंद शिवहरे, उपस्थित रहे ।
कवि गोष्ठी का शुभारंभ कवयित्री व्रजलता मिश्रा की वाणी वंदना से हुआ । तत्पश्चात ने भक्ति से सराबोर विजय प्रकाश सैनी ने अपने दोहे प्रस्तुत किए । साकेत सुमन चतुर्वेदी ने महात्मा तुलसी के जीवन पर कविता पढ़ी । दोहा रचनाकार दिनेश कुमार शर्मा ने स्वरचित दोहों द्वारा गोस्वामी तुलसी दास व उनकी धर्म पत्नी रत्नावली की प्रशंसा की, राजेश तिवारी मक्खन ने महात्मा तुलसीदास जी की रस , अलंकार व छन्द योजना पर विस्तृत व्याख्या की । गोस्वामी तुलसीदास की पत्नी रत्नावली पर निहाल चन्द्र शिवहरे अपना वक्तव्य दिया । झांसी के वरिष्ठ साहित्यकार प्रताप नारायण दुबे ने गोस्वामी तुलसीदास के साहित्यिक जीवन पर प्रकाश डाला है ।
गोष्ठी में अध्यक्षता करते हुए श्री मती व्रजलता मिश्रा ने गोस्वामी तुलसीदास द्वारा विभिन्न राग रागिनियों की रचनाओं पर चर्चा की ।इस अवसर पर वृक्षारोपण करके स्वच्छ पर्यावरण की कामना की गयी एवं चन्द्रयान 3 की सफलता की प्रभु से प्रार्थना की गयी ।
संगोष्ठी का सफल संचालन तुलसी अकादमी के सचिव राजेश तिवारी मक्खन ने किया और अंत में आभार ज्ञापन तुलसी साहित्य अकादमी के कार्यकारी अध्यक्ष श्री विजय प्रकाश सैनी ने किया ।

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