

चाँद पर राखी
रक्षाबंधन का पर्व माँ धरती मनाई,
यान के जरिए, सेटेलाइट की राखी बनाई,
वैज्ञानिकों को बना डाकिया,
अपने भाई चांद को राखी पहुँचाई।
मामा चंदा भी खुशी न समाए,
प्रेम सहित ससम्मान राखी अपनाए,
पहुँच गई राखी सकुशल,
संदेशा यह सारे जग को पहुँचाए।
जग हमें हैरत से ताके,
अपनी अब बगले झाँके,
कल कहते थे हमें अन्धविश्वासी,
ज्ञान लेने अब खड़े लाइन बनाके ।
सब दे रहे हमें बधाई,
त्योहार पर खुशियाँ दुगुनी आई,
वैज्ञानिकों ने की थी जो मेहनत,
आज वह है रंग लाई।
इस मिशन ने सीख सिखाई,
सब है संभव बात समझाई,
हार के बाद जीत है,
यह सत्य करके दिखलाई ।
कदम जो कभी न डगमगाएंगे,
तभी तुम्हारे परचम लहराएँगे,
विश्वास संग निरंतर प्रयास करने पर,
मंजिल पाकर झूम पाएंगे।
– नीतू दाधीच व्यास
यादगिर, कर्नाटक

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
