

हमारी शान चन्द्रयान
साँसें सब की थमी हुई थी,
नजरें नभ पर जमी हुई थीं।
विश्व पटल पर भारत की छवि
उस चाँद की चमक पर टिकी हुई थी।
धन्य धन्य तुम उन्नीकृष्णन
जीत लिया जन जन का मन।
जा पहुंचा विक्रम चन्द्रयान,
चन्दा मामा का तोड़ अभिमान।
विश्व पटल पर चमका भारत,
लहराया चाँद पर खूब तिरंगा ।
बड़े गर्व से गाया सबने
जन जन का अभिमान तिरंगा।
अमर हो गए वैज्ञानिक भी,
चखा सफलता का जो स्वाद।
युगों युगों तक इस गौरव को,
दुनिया भी रखेगी याद।
धरती से वह चाँद देखकर,
मन कितना ललचाता था।
चंदा मामा दूर के कहकर,
हर कोई मन बहलाता था।
अब वह चंदा पास हमारे,
हाथों तक आ पहुंचा है।
और एक दिन मुट्ठी मे भी
चाँद पकड़कर लायेंगे।
धरती पर खूब लहराया तिरंगा,
अब चाँद पर तिरंगा फहराएंगे।
– बिन्दु त्रिपाठी
भोपाल

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
