

जय जय भारत की,जय है
नव ,भारत भाग्य, अभ्युदय है
देखो सब , चन्द्र विजय है
दृढ़ निश्चय,हुआ न पराजित
मिल ही गई, विजय है
जय जय,भारत की जय है
मां भारती के, वैज्ञानिक,प्रणम्य
क्षमता है उनकी,अतुलनीय
है सूक्ष्म,त्रुटि भी, न उनमें
उनका ,होता,दृढ़ निश्चय है
जय,जय,भारत की जय है
है भारत का प्रकाश,चमकीला
धवज तिरंगा ,है हुआ,गर्वीला
उन्नत और भी है,देश ललाट, अब
जन जन में, हर्ष लहर है
जय,जय,भारत की जय है
गूंज रहे ,गीत और गान हैं
बढ़ा,विश्व में, देश सम्मान है
हैं खुशियां,अपार ,सर्वत्र ही
ब्रज,मंगल विजय भी ,न संशय है
जय जय ,भारत की जय है
जय जय,भारत की जय है।
– डॉ ब्रजभूषण मिश्र
भोपाल
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देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
