

लोक नायक गोस्वामी तुलसीदास
सावन माह की सप्तमी ,
जन्म लिया तुलसीदास ,
माता हुलसी पिता आत्माराम ,
ग्राम राजापुर मे लिया
जन्म तुलसीदास ।
मुंह मे थे दांत पूरे जन्म समय ,
अशुभ मान कर दिया त्याग ।
पाला पोसा चुनिया दासी ने ,
संत नरहरिदास से शिक्षा मिली भरपूर।
दीनबंधु पाठक की बेटी ,
बनी भार्या जब उनकी,
मोह पाष लिया बांध,
कटु शब्दो मे बोली रत्नावली,
गये घर से दूर ।
मोह भंग हुआ जब तुलसीदास का ,
रचने लगे ग्रंथ ।
रामचरित मानस से नही कोई अनजान,
कवितावली, गीतावली,
दोहावली,
हनुमान चालीसा सब पढ़े नित ,
रचे सब तुलसीदास ।
चित्र कुट का घाट धन्य हुआ ,
रचे गए वहाँ ग्यारह ग्रंथ।
नमन तुलसीदास को
ठुकराए चहुं ओर
हार न मानी जीवन मे
रच दिए कितने ग्रंथ ।
–चन्दा डांगी
रेकी ग्रैंडमास्टर मंदसौर मध्यप्रदेश

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
